सरब जीत सिंह एक शहिद हे, उसे दुश्मनों ने तड्पा तड़पा कर मौत दी हे,उम्मीद हे देश के शासक इस दुखद घटना से सबक लेगे, और इट का जबाब पत्थर से देगें, हमारी जेलों में भी उनके आतंकवादी हमारी मेहमाननवाजि का मजा ले रहे हे,हमारी सरकार को अब मानव अधिकार के नाम पर भोक्ने वालो कि परवाह ना कर कुछ ऐसा करना होगा कि दुश्मन ऐसी किसी हरकत करने के पहले दस बार सोचे,क्या पुरी दुनिया में हमारे देश ने अहिंशा का ठेका ले रखा हे, या 121 करोड़ लोगो का देश ऐसे ही नपुंसक बन कर जियेगा, कोर्ट, कचहरि,तो गुनह्गारो के लिए होती हे,देश्द्रोहियो को तो गोली मारी जाती हे,ये बात हमे जल्दी ही सिख लेनी होगी,वरना तब तक बहुत देर हो चुकी होगी, हमे वोट बैंक कि राजनीति छोड़ कर देश हित में निर्णय लेने होगे,आज हर भारतीय दुखी हे उस दुःख में देश का मुसलमान भी शामिल हे फिर पाकिस्तान को मुँह तोड़ जबाब देने में हमारे देश के नेताओं के हाथ क्यो काप जाते हे,क्या हम ताउमर विरोध ही दर्शाते रहेगे,