भारत में ऐसी दब्बू ओर कायर लोगों की सरकार बैठी हे जिनसे किसी भी समस्या के समाधान की उम्मीद नहीं की जानी चाहिये,ये कोशिश कराते तो सरबजीत को निर्दोष सिद्ध करवा लेते,क्योंकि वह कई वर्षो से पाक जेल में बंद था, इन bhadawo से ना तो मन्ह्गाई रुक रही हे ना भ्रष्टाचार रुक रहा हे ना ये पाकिस्तान को उसकी औकात बता पा रहे हे ना चीन की घुसपैठ पर सही कदम उठा रहे हे, इनको हमेशा हालात बिगड़ने का डर रहता है जबकि चीन को हालात सुधारना आता है। पाकिस्तान कभी सुधार नहीं सकता फिर भी उससे सम्बन्ध मधुर बनाने क्ा ठेका इनने ले रखा हे,ऐसी बहुत-सी बातें सोची जा सकती है, क्योंकि भारत के अंतिम मुगल अटलबिहारी वाजपेयी अपने कमरे में बंद हैं। अब भारत में कोई राजनीतिक नेतृत्व नहीं रहा। इन्हे तो जेसे तैसे अपना कार्यकाल पूरा करना हे,बैठे हे nakte बनकर ??/ इसीलिए तो अब श्रीलंका और नेपाल भी गुर्राने लगे हैं। देश के प्रधानमंत्री यूं तो कभी किसी मामले पर बोलते नहीं हैं लेकिन अब चीन के मामले पर बोलते हैं कि इस मामले को ज्यादा तूल न दें। आप ही बता दीजिए कि फिर कोन से मामले को तूल दिया जाना चाहिए?