क्या पुलिस.क्या राज नेता,क्या अधिकारी सबने जनता को भगवान भरोसे छोड़ दिया हे,इनमें से कौन हे जो अपने कर्तव्य का पालन पुरी निश्ठा और ईमानदारी से कर रहा हे,दिल्ली देश कि राजधानी हे, वहा कि मुख्य मंत्री भी महिला हे फिर भी इतनी तादात में बच्चियों कि साथ ज्यादती होती हे ये वहा कि सरकार कि प्रशश्निक असफलता नही तो और क्या हे.? ये सरकार में बैठे लोग कब तक जनता कि सहंन्सिल्ता कि परीक्षा लेगे, और कितनी बालिकाओं कि बलि लेकर इनकी नींद खुलेगी,