जो इंसन् गंभीर मुद्दों पर बोल नही सकता ओर सख्त निर्णय नही ले सकता वो क्या परिवर्तन लायेगा, गरीबों के घर मैं खाना खाना अलग बात है ओर उनके लिए कुछ करना अलग बात है, अब सब समझ गए है कि राहुल बाबा सिर्फ़ अपने दोस्तों के लिए ही कुछ कर सकता है गरीबों के लिए कुछ नही. बदलाव ला सकते हैं तो अभी क्या हुआ है? देश महंगाई और भ्रष्टाचार की चपेट में है। आपने आज तक एक भी बयान ऐसा दिया है, जिससे देश की जनता को यह महसूस हो कि 80 के दशक में भारत में कम्प्यूटर क्रांति लाने वाले स्वर्गीय श्री राजीव गांधी की तरह आप में भी देश के लिए कुछ करने का जज्बा है? माफ कीजिए, आप में अपनी दादी और पिता की तरह दूरगाभी निर्णय लेने के गुण नजर नहीं आते।