चिदंबरम साहब हो या फिर रेल मंत्री पवन बंसल जी ये सिर्फ़ एक खानदान के नुमाइदे हे,ये जनता के प्रीति उत्तरदायी नही हे,ये लोग जनता का विश्वास खो चुके हे,ये जनता कि दुःख तकलीफों से बेखबर सिर्फ़ जनता को और ज्यादा दुखी करने पर आमादा हे,इनसे और इनके किसी भी काम से जनता इन्हे माफ नही करने वाली,क्योकि इन्होंने पहले ही लोगो को निचोड़ कर रख दिया हे.अब खोखले बजट से ये क्या अपनी छबि सुधारना चाहते हे,ये मौका भी चिदंबरम साहब ने खो दिया