सभी को अपनी बात कहने का अधिकार है इसका मतलब ये तो नही कि जब भी जुबन खोलो कड़वा ओर नफरत फैलाने वाला ही बोलो. चाहे kasmir हो या देश के विकास का कोई मुद्दा या फिर हाल ही का आपराधिक मामला इनकी जुबन से उलटा ही निकलता है. ऐसे लोग लोकतंत्र को मजाक बनाने के अलावा ओर कुछ नही चाहते. ये व्यवस्था को बनाने में सहयोग कम, लोगो को uksakar व्यवस्था बिगाड़ने में ज्यादा रूचि लेते है.