ये सरकार ही लम्बिंग पर जिंदा हे कभी ये मायावाटी से कभी मुलायम से लाम्बिंग ही तो करती आई हे,और कानूनी मान्यता से होगा क्या,क्यो कि देश में पहले से बहुत सारे मान्यता प्राप्त कानून हे एक और संख्या बदाने से कुछ भी नही होगा.अब तो इन्हे किसी भी कानून का डर नही हे,जब देश का प्रधान मंत्री वोटों के लिए गुजरात में कहते हे कि "गुजरात में अल्पसंख्यक भव्भित हे" मन मोहन सिंह जी आपसे ये उम्मीद नही थी आप भी दिग्विजय,सलमान खुर्शीद, और बेनी प्रसाद वर्मा से ज्यादा समझदार नही लगते,कानून होने के बाद भी चुनाव आयोग चुप हे.