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टिप्पणियां

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दया याचिका अजमल कसाब जैसे आतंकवादियों के लिये नही होना चाहिए जो जघन्य अपराधों को अंजाम देते हैं. साथ ही आतंकवादी और राष्ट्र विरोधी गतिविधियों में लिप्त लोगों को भी ऐसी सुविधा का लाभ नही दिया जाना चाहिए. ऐसे अपराधों में शामिल लोगों को जल्द से जल्द फांसि दी जाना चाहिए ना कि दया याचिका के द्वारा अनावश्यक विलंब किया जाना चाहिए.
X REPORT ABUSE Date 26-11-12 (05:52 PM)

Rakesh Kumar Gupta

भारतीय न्याय प्रणाली में दया याचिका की व्यवस्था संविधान निर्माताओं की दूरदर्शी सोच की अभिव्यक्ति है, जो सर्वथा उचित एवं लोकतंत्र के उच्च आदर्शों के अनुरूप है | न्यायालय संसद द्वारा निर्मित कानूनी सीमाओं से बंधकर मौत की सज़ा देने के लिए बाध्य हो सकता है, लेकिन राष्ट्रपति को इस सीमा से मुक्ति देकर विवेक से फैसला लेने का अधिकार हमारे संविधान के प्रति देशवासियों की आस्था को और मज़बूत करता है |
X REPORT ABUSE Date 26-11-12 (09:39 AM)

hlk joshi

इससे यह जाहिर होता है कि भारतीय न्याय प्रनाणी वाकई दयनीय है.
X REPORT ABUSE Date 25-11-12 (09:24 PM)

Gajendra Patidar

देरी के लिए प्रसिद्ध भारतीय न्याय व्यवस्था में दया याचिका मुहावरे "कोढ में खाज" जैसी है. बडे और बहुलता वादी जनतंत्र में एक हद तक अधिनायक(ता) जरूरी है!! "जन गण मन अधिनायक जय हे......"
X REPORT ABUSE Date 25-11-12 (08:12 PM)

Anand gupta Gagorni

दया याचिका जाने अनजाने में हुआ अपराध के लिए हे आतंकवादियों के साथ दया करना ग़लत हे
X REPORT ABUSE Date 25-11-12 (12:18 PM)

Rameshwar Baronj

हर व्यक्ति से जाने या अनजाने में बड़ा या छोटा अपराध हो जाता हेउसके बाद उसको पता चलता हे कि इसकी सजा भी मिलेगी,इसलिए वह् दया की कामना करता हे,अतः यह देखना होगा की अपराध कैसा हे दया लायक हे या नहीं ,परन्तु आतंकवादियों के साथ दया क्ा रुख अपनाना ग़लत हे
X REPORT ABUSE Date 25-11-12 (11:45 AM)

ashokpandey

जीवन को समाप्त कर देने में दया याचिका नही होनी चाहिये/
X REPORT ABUSE Date 24-11-12 (06:48 PM)

Vinay Nayak

दया याचिका का निपटारा एक समय सीमा में हो तो ही इसकी सार्थकता है. बेहतर तो ये होगा कि किसी भी अभियुक्त को मृत्युदंड देने से पहले ही राष्ट्रपति भवन की राय ले ली जाएँ. इससे समय की बचत होगी और अनावश्यक राजनीति से भी छुटकारा मिलेगा. वैसे भी राष्ट्रपति के पास कोई काम तो होता नहीं
X REPORT ABUSE Date 24-11-12 (06:14 PM)

Vinay Nayak

दया याचिका का निपटारा एक समय सीमा में हो तो ही इसकी सार्थकता है. बेहतर तो ये होगा कि किसी भी अभियुक्त को मृत्युदंड देने से पहले ही राष्ट्रपति भवन की राय ले ली जाएँ. इससे समय की बचत होगी और अनावश्यक राजनीति से भी छुटकारा मिलेगा. वैसे भी राष्ट्रपति के पास कोई कम तो होता नहीं.
X REPORT ABUSE Date 24-11-12 (06:09 PM)

NITIN DUSANE

हर जगह स्पेस ठीक नही होता और ये तो ख़ुद प्रकुति का नियम है,प्रकुति के हिसाब से संसार के नियम है सूरज और जमीन का स्पेसिफिक अन्तर है प्रकुति ने यह नियम तोड़ा तो क्या होगा ये बता ने कि जरुरात नही हम कुछ नियम सक्त ही रखे तो प्रॉब्लम जड़ से खत्म हो जयेगि.धन्यवाद नि-3 दुसाने
X REPORT ABUSE Date 24-11-12 (01:32 PM)

Vivek ranjan Shrivastava

दया , न्याय का हिस्सा नही , वरन सामाजिक व्यवस्था का सरोकार है
X REPORT ABUSE Date 23-11-12 (08:27 PM)