जाँच कराने से कुछ भी हासिल नही होता है क्योंकि अतीत में की गई ज़ांचों से आज तक न तो भ्रष्टाचार कम हुआ है और न ही किसी भ्रष्टाचारी को सजा मिली है | इसलिये हमें भ्रष्टाचार के साथ जीने की आदत विकसित करनी होगी | जाँच के नाम पर सरकारी धन की अतिरिक्त बर्बादी को रोकना ही देश-हित में होगा |