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Written By समय ताम्रकर

मिशन इम्पॉसिबल - रोग नेशन : मूवी रिव्यू

मिशन इम्पॉसिबल - रोग नेशन : मूवी रिव्यू - Mission: Impossible – Rogue Nation Movie Review Samay Tamrakar
सीरिज में बनने वाली फिल्में तीसरी-चौथी कड़ी तक बासी लगने लगने लगती है, लेकिन 'मिशन इम्पॉसिबल' इसका अपवाद है। इस सीरिज के पांचवे भाग में भी ताजगी नजर आती है। अंग्रेजी में यह 'मिशन इम्पॉसिपल : रोग नेशन' तथा हिंदी में 'मिशन : इम्पॉसिबल - दुष्ट राष्ट्र' के नाम से रिलीज हुई है। इस बार स्क्रिप्ट की बुनावट बहुत ही अच्छे तरीके से की गई है और यह फिल्म पूरे समय आपको बांध कर रखती है।
 
ट्रेलर में टॉम क्रूज के प्लेन पर लटकने वाला सीन देख लगा कि यह क्लाइमैक्स में होगा, लेकिन फिल्म की शुरुआत ही इससे होती है और फिल्म का स्तर एकदम ऊंचा उठ जाता है। ईथन हंट (टॉम क्रुज) के नेतृत्व में काम करने वाला 'मिशन इम्पॉसिबल फोर्स' बेलारूस के मिंस्क के एयरपोर्ट में घुस जाता है ताकि केमिकल हथियारों की खेप को आने से रोका जा सके। जब तकनीकी विशेषज्ञ बेंजी डन (सिमॉन पेग) प्लेन को उड़ने से रोकने में असफल हो जाता है, तब अचानक ईथन की एंट्री एकदम सुपरहीरो की स्टाइल में होती है और वह प्लेन से लटक जाता है। 
 
ईथन प्लेन में घुस जाता है और कार्गो के साथ निकल जाता है। कुछ समय बाद, सीआईए प्रमुख एलन 'मिशन इम्पोसिबल फोर्स' की बुराई कर इसे खत्म कर देना चाहता है। उसके अनुसार यह फोर्स अनियंत्रित है और एक साल पहले क्रेमलिन पर हुए हमले का दोषी है। हालांकि विलियम ब्रैंड्ट (जेरेमी रेनर) इस बात का विरोध करता है, लेकिन मिशन इम्पॉसिबल फोर्स के सारे काम बंद कर दिए जाते हैं।
 
ईथन की खोज शुरू कर दी जाती है जो इस घटना के बाद गायब हो जाता है, लेकिन वह गुपचुप तरीके अपने मिशन में लगा रहता है। ईथन, लुथर, विलियम और बेंजी एक साथ जुड़कर सिंडीकेट (पुराने बदमाशों के एक समूह) के खिलाफ काम करना शुरू कर देते हैं। इस काम में इल्सा (रेबेका फर्ग्युसन) नामक एजेंट उसकी मदद करती है, जिसकी पहचान से ईथन अनजान है। 
प्लेन के एक शानदार स्टंट के बाद फिल्म थोड़ा उलझाती है। जिस तरह से ईथन को कुछ समझ नहीं आता कि उसके साथ क्या और क्यों हो रहा है, वही हाल दर्शकों का होता है। पर जैसे-जैसे फिल्म आगे बढ़ती है और परत दर परत राज खुलने लगते हैं, जिससे दर्शकों की रूचि फिल्म में बढ़ने लगती है। 
 
स्क्रिप्ट की यह खासियत है कि आगे क्या होने वाला है इसका अंदाज लगाना मुश्किल है। फिल्म का विलेन, हीरो से एक चाल आगे रहता है। आमतौर पर इस तरह की फिल्मों में महिला किरदार सिर्फ ग्लैमर बढ़ाने के लिए रखे जाते हैं, लेकिन रेबेका का किरदार इतना बढ़िया तरीके से लिखा गया है कि अंदाजा लगाना मुश्किल है कि वे ईथन के साथ हैं या उसके खिलाफ।  
 
फिल्म में एक्शन कम है, और एक्शन प्रेमियों को इसकी कमी खल सकती है, लेकिन दो सीक्वेंस ऐसे हैं जो एक्शन प्रेमियों को खुश कर देते हैं। इनमें फिल्म की शुरुआत में प्लेन वाला सीन और उसके बाद मोरक्को में फिल्माया गया कार और बाइक का चेज़ सीक्वेंस। पानी के अंदर फिल्माया गया घटनाक्रम इतना रोमांचक है कि ईथन के साथ-साथ दर्शकों की सांस भी रूक जाती है। ब्रिटिश प्रधानमंत्री के अपहरण वाला घटनाक्रम भी जबरदस्त है। 
 
निर्देशक क्रिस्टोफर मैक्वरी ने अपने प्रस्तुतिकरण कुछ इस तरह का है कि दर्शक आगे क्या होने वाला है इसका अंदाजा नहीं लगा सके। शुरुआत में उन्होंने दर्शकों को उलझाया है और फिर धीरे-धीरे ईथन के मिशन को दिलचस्प बनाया है। विलेन को यदि और बेहतर तरीके से पेश किया जाता तो बेहतर होता। साथ ही कुछ जगहों पर फिल्म को खींचा गया है। 
 
53 वर्ष की उम्र में भी टॉम क्रूज 35 के नजर आते हैं। गौरतलब है कि प्लेन वाला स्टंट उन्होंने किया है। फिल्म के किरदार को जो लार्जर देन लाइफ वाला करिश्मा चाहिए था, उस कसौटी पर टॉम खरे उतरते हैं। जेरेमी रेन, सिमॉन पेग उम्दा कलाकार हैं और उन्हें भी निर्देशक ने अच्छे फुटेज दिए हैं। रेबेका फर्ग्युसन का रोल और अभिनय प्रभावी है। उन्होंने भी एक्शन और स्टंट्स शानदार तरीके से किए हैं। तकनीकी रूप से भी फिल्म प्रभावी है। सिनेमाटोग्राफी ऊंचे दर्जे की है।
 
टॉम क्रूज, उतार-चढ़ाव से भरपूर कहानी, शानदार अभिनय और स्टाइलिश एक्शन के कारण मिशन इम्पॉसिबल रोग नेशन का देखना बनता है। 
 
 
निर्देशक : क्रिस्टोफर मैक्वरी
कलाकार : टॉम क्रूज़, जर्मी रैनर, सिमन पेग, रेबेका फर्ग्युसन, सीन हैरिस
रेटिंग : 3.5/5