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Last Updated : शुक्रवार, 18 अक्टूबर 2019 (18:34 IST)

लाल कप्तान : फिल्म समीक्षा

लाल कप्तान : फिल्म समीक्षा - Laal Kaptaan, Saif Ali Khan, Movie Review in Hindi, Navdeep Singh, Samay Tamrakar, Bollywood, Entertainment, Movie Review of Laal Kaptaan in Hindi
आजादी के पहले के समय की कहानी पर आधारित फिल्मेें  इन दिनों देखने को मिल रही है, जैसे कि तीन सप्ताह पहले सेरा नरसिम्हा रेड्डी। कुछ फिल्मेें काल्पनिक किरदारों के साथ पेश की गई जैसे कि ठग्स ऑफ हिन्दोस्तान। 'लाल कप्तान' भी इसी तरह की फिल्म है। 
 
मूलत: यह एक रिवेंज ड्रामा है, लेकिन इसे कुछ अलग दिखाने के लिए सन् 1780 के आसपास का समय चुना गया है जब बक्सर की लड़ाई खत्म ही हुई थी। मुगलों की जड़ें हिल रही थी और भारत में अंग्रेज पैर पसारने लगे थे। 
 
इनाम के लिए शिकार करने वाला शिकारी और साधु, गोसाई (सैफ अली खान) को रेहमत खान (मानव विज) की 25 सालों से तलाश है। वह रेहमत को मार कर अपना बदला लेना चाहता है। 
 
नूर बीबी (सोनाक्षी सिन्हा) से गोसाई को पता चलता है कि रेहमत बुंदेलखंड में है। जब वह वहां पहुंचता है तब तक उस राज्य का खजाना लूट कर रेहमत आगे निकल जाता है। 
 
रेहमत की हरकत से मराठा भी नाराज हो जाते हैं। कुत्तों की तरह सूंघ कर लोगों का पता लगाने वाले शख्स (दी‍पक डोब्रियाल) से मराठा मदद लेते हैं ताकि वे रेहमत को ढूंढ निकाले। दूसरी ओर एक विधवा (ज़ोया हुसैन) की मदद से रेहमत तक पहुंचने की कोशिश गोसाई भी करता है। 
 
रेहमत से गोसाई बदला क्यों लेना चाहता है? रेहमत और गोसाई का क्या कनेक्शन है? क्यों गोसाई रेहमत के पीछे 25 वर्षों से पड़ा हुआ है? इन सारे सवालों के जवाब फिल्म में अंत में मिलते हैं। 
 
दी‍पक वेंकटेश और नवदीप सिंह ने मिलकर फिल्म की कहानी लिखी है। मूलत: यह गोसाई के बदले की कहानी है जिसमें कई ट्रैक्स जोड़ कर उन्होंने फिल्म को अलग दिखाने की कोशिश की है। कुछ बातें अच्‍छी लगती हैं, लेकिन कुछ अखरती भी हैं। जैसे नूर बीबी वाली बात का फिल्म में कोई मतलब नहीं है। 
 
दो बार गोसाई के पास रेहमत को जान से मार कर बदला लेने का मौका था, जो वह जानबूझ कर छोड़ देता है। यह बात फिल्म देखते समय अखरती है क्योंकि जिस शख्स की तलाश आप वर्षों से कर रहे हैं उसे इस तरह से छोड़ना समझ के परे है। हालांकि फिल्म के अंत में इसे जस्टिफाई करने की कोशिश की गई है, लेकिन बात नहीं बनती। 
 
पूरी फिल्म में एक सवाल परेशान करता रहता है कि रेहमत से गोसाई बदला क्यों लेना चाहता है? इसका जवाब देने में लेखकों ने बहुत देर कर दी है। फिल्म के खत्म होने के कुछ मिनटों पहले इस प्रश्न का उत्तर मिलता है तब तक आपका धैर्य जवाब दे जाता है। यह जवाब ऐसा भी नहीं है कि सभी के गले उतरे।  
 
इस उम्मीद पर भी पानी फिर जाता है कि फिल्म अंत में कुछ कहेगी, कुछ जोरदार बात सामने आएगी, लेकिन ऐसा नहीं हो पाता है। 
 
नवदीप सिंह एक अच्छे निर्देशक हैं। मनोरमा सिक्स फीट अंडर (2007) और एनएच 10 (2015) जैसी बेहतरीन फिल्में वे दे चुके हैं। लाल कप्तान में भी वे अपने निर्देशकीय कौशल से प्रभावित करते हैं। 
 
फिल्म की शुरुआत में उन्होंने अच्छा माहौल बनाया और उम्मीद जागती है कि हम कुछ नया और अनोखा देखने जा रहे हैं, लेकिन कमजोर प्लॉट के कारण यह उम्मीद धीरे-धीरे खत्म हो जाती है। 
 
नवदीप अपने निर्देशन के बूते पर ज्यादातर समय दर्शकों को बांध कर भी रखते हैं, लेकिन वे फिल्म की लंबाई पर काबू नहीं रख पाए, इस वजह से बोरियत भरे लम्हों से भी दर्शकों को दो-चार होना पड़ता है। समय को लेकर फिल्म आगे-पीछे होती रहती है वो भी कई बार कंफ्यूजन पैदा करता है।  
 
शंकर रमन ने फिल्म को बेहतरीन तरीके से शूट किया है। ज्यादातर दृश्य रात और अलसभोर के हैं। रॉ और रस्टिक लोकेशन फिल्म को खूबसूरत बनाती है। जंगल, पहाड़, किले, ऊंट-घोड़े, तलवारबाजी एक अलग तरह का माहौल बनाते हैं और इसके लिए फिल्म की तारीफ की जा सकती है। 
 
सैफ अली खान का अभिनय अच्छा है। वे अपने लुक और एक्टिंग के बूते पर अपने कैरेक्टर को रहस्यमयी बनाते हैं। मानव विज को जरूरत से ज्यादा मौका दिया गया है और उतना असर वे छोड़ नहीं पाए। दीपक डोब्रियाल एक मजेदार कैरेक्टर में दिखाई दिए और उन्हें ज्यादा फुटेज मिलना थे। ज़ोया हुसैन अपना असर छोड़ती हैं जबकि सिमोन सिंह का अभिनय औसत दर्जे का है। 
 
फिल्म का बैकग्राउंड म्युजिक कहीं बढ़िया तो कहीं लाउड है। गाने फिल्म के मूड के अनुरूप हैं। फिल्म के कुछ संवाद सुनने लायक है। 
 
कुल मिलाकर 'लाल कप्तान' लुक और फील के मामले में 'हटके' है, लेकिन स्क्रिप्ट के मामले में औसत। 
 
बैनर : इरोस इंटरनेशनल, कलर येलो प्रोडक्शन्स 
निर्माता : आनंद एल. राय, सुनील ए. लुल्ला 
निर्देशक : नवदीप सिंह 
संगीत : समीरा कोप्पिकर 
कलाकार : सैफ अली खान, मानव विज, ज़ोया हुसैन, दीपक डोब्रियाल, सिमोन सिंह, सोनाक्षी सिन्हा (कैमियो) 
सेंसर सर्टिफिकेट : ए * 2 घंटे 30 मिनट 
रेटिंग : 2.5/5