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Last Modified: रविवार, 29 नवंबर 2020 (14:01 IST)

वाजिद खान की पत्नी का खुलासा, धर्म परिवर्तन के लिए किया गया मजबूर

वाजिद खान की पत्नी का खुलासा, धर्म परिवर्तन के लिए किया गया मजबूर - wajid khan wife kamalrukh khan speaks on life in an inter caste marriage
मशहूर सिंगर कंपोजर वाजिद खान का इस साल 1 जून को निधन हो गया था। अचानक हुए उनके निधन ने हर किसी को हैरान कर दिया था। ऐसे में अब पति की मौत के 6 महीने बाद पत्नी कमालरुख ने खुलासा किया है कि उन्हें धर्म परिवर्तन के लिए मजबूर किया गया था। 

 
वाजिद खान की पत्नी कमालरुख खान ने एक लंबा नोट लिखकर अपनी प्रेम कहानी और उनके परिवार के साथ अपने खराब संबंधों को याद किया है। उन्होंने अपने पोस्ट में लिखा कि 'एक बार फिर से धर्मांतरण पर चर्चा हो रही है। इस बार सरकार भी उत्साहित है।
कमालरुख खान ने लिखा, मैं पारसी हूं और वह मुस्लिम थे। हम वही थे, जिसे आप कॉलेज स्वीटहार्ट्स कहेंगे। आखिरकार जब हमारी शादी हुई, तो हमने स्पेशल मैरिज एक्ट (एक ऐसा अधिनियम) के तहत प्रेम विवाह किया, जो सही साबित होता है। यही कारण है कि एंटी कनवर्जन बिल के बारे में यह वर्तमान बहस मेरे लिए बहुत दिलचस्प है।
 
उन्‍होंने आगे लिखा, मैं एक अंतरजातीय विवाह को लेकर अपने अनुभव को साझा करना चाहती हूं- कि एक महिला धर्म के नाम पर कितनी पीड़ा और भेदभाव का सामना करती है जो पूरी तरह शर्म की बात है... और यह एक आंख खोलने वाला हो सकता है। मेरी साधारण पारसी परवरिश बहुत ही लोकतांत्रिक थी। विचार की स्वतंत्रता को प्रोत्साहित किया गया और स्वस्थ बहस को आदर्श बनाया गया। सभी स्तरों पर शिक्षा को प्रोत्साहित किया गया।
 
कमालरुख खान अपनी पोस्ट में लिखती हैं, हालांकि, शादी के बाद यही स्वतंत्रता, शिक्षा और लोकतांत्रिक मूल्य प्रणाली उनके पति के परिवार के लिए सबसे बड़ी समस्या बन गई थी। उन्होंने पढ़ी-लिखी और आजाद महिला को स्वीकार नहीं किया और धर्मांतरण का दबाव बनाने लगे। वो हर किसी धर्म का सम्मान करती हैं, लेकिन इस्लाम में परिवर्तित होने के उनके प्रतिरोध ने उनके और उनके पति के बीच की दूरियों को काफी बढ़ा दिया था। यहां तक की उनके लिए इतना मुश्किल हो गया था कि उनके पति-पत्नी के रिश्ते खराब हो गए थे। उनके बच्चों के लिए पिता बनने की उनकी क्षमता थी।
 
उन्होंने लिखा, उनकी गरिमा और स्वाभिमान ने उन्हें इस्लाम में परिवर्तित होने और उनके परिवार के लिए झुकने की परमिशन नहीं दी। वो तबाह हो गई थीं। उन्हें धोखा महसूस हुआ और भावनात्मक रूप से टूट गई थीं, लेकिन उन्होंने और उनके बच्चों ने सब्र किया।
 
कमालरुख खान ने लिखा कि 'वाजिद एक प्रतिभाशाली संगीतकार थे, जिन्होंने शानदार धुन बनाने के लिए अपना जीवन समर्पित कर दिया था। उनके बच्चे और वो अपने पति को बहुत याद करते हैं और वो चाहती हैं कि उन्होंने एक परिवार के रूप में उनके साथ समर्पित समय बिताया होता। धार्मिक पूर्वाग्रहों से रहित, जिस तरह से उन्होंने अपनी धुनें बनाई थीं। हमें उनके और उनके परिवार की धार्मिक कट्टरता के कारण कभी परिवार नहीं मिला।
 
अपनी पोस्ट में कमालरुख खान ने यह भी खुलासा किया है कि वाजिद खान के निधन के बाद भी दिवंगत संगीतकार के परिवार का उत्पीड़न जारी है। उन्होंने लिखा, आज भी उनके अचानक निधन के बाद उनके परिवार का उत्पीड़न जारी है। वो अपने बच्चों के अधिकारों और विरासत के लिए लड़ रही हैं, जो उनके द्वारा बेकार कर दिए गए हैं। यह सब उनके द्वारा इस्लाम कबूल न करने के खिलाफ एक नफरत है।
 
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