शनिवार, 20 अप्रैल 2024
  • Webdunia Deals
  1. मनोरंजन
  2. बॉलीवुड
  3. मुलाकात
  4. kriti kharbanda has started considering herself as the bride of bollywood
Last Modified: शुक्रवार, 23 जुलाई 2021 (16:57 IST)

अपने आप को बॉलीवुड की दुल्हन मानने लगी हैं कृति खरबंदा

अपने आप को बॉलीवुड की दुल्हन मानने लगी हैं कृति खरबंदा - kriti kharbanda has started considering herself as the bride of bollywood
यूं तो शादी में होने वाली गड़बड़ियों पर कई फिल्में बनी है। कभी लड़के की तरफ से गड़बड़ होती है तो कभी लड़की की तरफ से। लेकिन एक ही लड़की से दोबारा शादी करने वाला मौका ऐसा फिल्मों में जरा कम ही दिखता है और शायद इसीलिए इस  फिल्म का नाम 14 फेरे रखा गया है। 

 
फिल्म '14 फेरे' की प्रेस कांफ्रेंस के दौरान वेबदुनिया से बात करते हुए कृति खरबंदा कहती हैं, मैं तो अपने आप को बॉलीवुड की दुल्हन मानने लग गई हूं। मैंने एक या दो बार नहीं 8 बार दुल्हन का रोल निभाया हुआ है। दुल्हन के कपड़े, दुल्हन की ज्वेलरी पहनी हैं। मुझे लगता है कि मैं जब भी फिल्म के लिए शादी का रोल निभाती हूं या जिस फिल्म में मेरी शादी होती है, वह बड़ी लकी हो जाती है। 
 
उन्होंने कहा, मेरे लिए फिल्म 14 फेरे सिर्फ शादी के बारे में नहीं है या सिर्फ शादी हो जाने के लिए नहीं बनाई है। यह एक लव स्टोरी है। प्रेम कहानी है संजू और अदिति की। यह एक सफर है, संजू और अदिति की प्रेम कहानी को शुरुआत से लेकर शादी तक के अंजाम तक पहुंचाने का। यह आज के समय में बहुत जरूरी है। यह बहुत ही प्रासंगिक लव स्टोरी कह सकते हैं। 
 
इनके किरदार कि अगर मैं बात करूं तो आप चाहोगे कि ऐसे किरदार आपके आसपास रहते हो। आप चाहोगे कि आपके रिश्ते में ऐसी मासूमियत हो दिन भर आप लड़े- कुछ भी बात हो जाए। लेकिन अगले दिन वो कहते हैं ना रात गई बात गई वाली बात हो जाए। जितनी भी परेशानी है, जितनी भी लड़ाई हो जाए, लेकिन हम साथ में हमेशा रहेंगे वैसे तरीके की लड़कीबनी हूं।
 
14 फेरे में अपने रोल के बारे में और भी आगे बताते हुए कृति कहती हैं, सबसे अच्छी बात इसकी स्क्रिप्ट में है बहुत साफ सुथरी लव स्टोरी बनाई है। यह बात अलग है कि मैं दो बार इस फिल्म में दुल्हन बन गई हूं, लेकिन अब तो लगता है दुल्हन बनते बनते कहीं ऐसा मौका ना हो जाए कि अपनी शादी हुई मैं भागकर कर लूं क्योंकि इतना सारा काम मैं तो सहन नहीं कर सकती। अपनी शादी थोड़ी सी आसानी से ही करना चाहूंगी। 
 
उन्होंने कहा, फिल्म के समय जब शूट शुरू होने वाला था तब मुझे मलेरिया हो गया था। मैं इतनी बुरी हालत में थी, लेकिन फिर भी फिल्म का किरदार इतना रोमांचक था कि मैं अपने कमजोरी के बावजूद भी फिल्म को शूट करने से पीछे नहीं हटी।
 
वहीं अपने रोल की बात बताते हुए विक्रांत मेसी कहते हैं कि मेरा रोल यानी कि संजय का रोल बहुत मुश्किल रोल नहीं लगा था। मुझे इसका कारण यह है कि मुझे निर्देशक से मालूमात और परिचय सही तौर पर मिला था। संजू एक मिडिल क्लास का लड़का है जो उसी समाज में रहा, पला बढ़ा पर अब एक मुकाम पर पहुंचा है। जाहिर है मैं भी एक इसी तरीके के मध्यम वर्गीय परिवार से ताल्लुक रखता हूं। मेरी और संजू की परिस्थितियां भले ही अलग रही हो लेकिन संजू की सिचुएशन बहुत फनी है और इस पूरी बात के लिए मैं लेखक और निर्देशक को पूरा पूरा क्रेडिट देना चाहता हूं। 
 
विक्रांत से जब यह पूछा गया कि वह किस तरीके की लड़की अपनी जिंदगी में चाहते हैं तो उन्होंने जवाब दिया, लड़की वह हो या जीवनसाथी वह हो जो दोस्त हो लेकिन जरूरत पड़ने पर सहायक भी हो। और गाइड की तरह भी काम कर दे। जिंदगी में कितना भी अच्छा बुरा समय चल रहा हो, वह महज बातें ना करें। वह सच में मेरे साथ खड़े होकर मेरे बुरे समय में मेरा साथ दे। उसके साथ जीवन जीने में मजा आए। यानी जो जीवन की जद्दोजहद हो तब भी उसके साथ से वह सारी परेशानियां दूर हो जाए।
 
विक्रांत आगे बताते हैं, जहां तक बात है मेरे पुराने किरदार हसीन दिलरूबा की तो उसमें भी मैंने पति का रोल ही निभाया था। लेकिन रिशु के रोल में बहुत खून छोड़ा है। मेरे लिए इतना आसान नहीं था, जितना दिखाई दे रहा था। एक तरफ तो मैं बहुत अच्छा सा लड़का बना था तो वहीं दूसरी तरफ मुझे एक ऐसा हारा हुआ और सनकी किरदार निभाना था, जिसे देख प्यार भी हो और गुस्सा भी आए। रिशु को देखकर आप नफरत भी करें, लेकिन फिर भी उसे नजरअंदाज ना कर सकें। रिशू का रोल मेरे लिए शारीरिक और मानसिक रूप से बहुत ही ज्यादा भारी साबित हुआ था। इसलिए मैं यह के संजू का रोल बहुत ही आसान सी बात रही।
 
जब पूरी फिल्म के बारे में निर्देशक देवांशु से पूछा गया कि उन्हें पूरी फिल्म बनने के बाद सबसे अच्छा क्या लगा तब देवांशु का कहना था कि मेरे फिल्म का असली ख़ज़ाना अगर मेरी नजर से देखो तो वह किरदार है गौहर का, जो अपने आप को दिल्ली की मर्लिन स्ट्रीप बताती है। गौहर को लेकर हम लोग बहुत ज्यादा नहीं सोच पा रहे थे कि यह किरदार में फिट होगी या नहीं होगी लेकिन उन्होंने मुझे इस हद तक चौंका दिया कि मैं वाह के बिना नहीं रह सका। हमें तलाश थी कि कोई ऐसा शख्स या ऐसी एक्ट्रेस मिले जो जाट भी बन सके और बिहारी भी बन सके। 
 
तो गौहर मेरे उस खाके में बिल्कुल फिट बैठ गई। मैं तो कहूं कि मुझे गौहर ने नए तरीके से काम करना सिखा दिया। गौहर ने हम सभी को सरप्राइज किया जब इसका स्क्रीन टेस्ट भी हम कर रहे थे तो पहले वह जाट बन कर आईं। उन्होंने जाट महिला जिस तरीके से होती है वैसे काम करके बताया अपना रोल और स्क्रिप्ट पढ़ कर बताएं और फिर वह बिहारी महिला बनकर आए। तब वह हमें यह बताएं कि सिंदूर इस तरीके से लगता है और साड़ी कैसे बांधी जाती है और बिहारी महिलाओं का रहन-सहन का तरीका कैसे होता है। ऐसे ही उनके यह दोनों रूप देख लिए मैंने तब मैं निश्चिंत हो गया कि अब मुझे कोई भी परेशानी नहीं होगी। मुझे बस उन्हें सेट पर लेकर जाना है और साथ में शूट करना है। 
 
ये भी पढ़ें
राज कुंद्रा को लेकर शिल्पा शेट्टी के घर पहुंची क्राइम ब्रांच, एक्ट्रेस से भी हो सकती है पूछताछ