शुक्रवार, 29 मार्च 2024
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Written By अनहद

हीरोइन बनेगी बड़े घर की बेटी

हीरोइन बनेगी बड़े घर की बेटी -
फिल्मों में हीरोइन बनने की इच्छुक लड़कियों के लिए यह अच्छी खबर नहीं है कि भारतीय क्रिकेट टीम के पुराने सितारे दिलीप वेंगसरकर की बेटी पल्लवी वेंगसरकर भी अब मॉडलिंग की तरफ जा रही हैं। मॉडलिंग के बाद वे फिल्म अभिनेत्री भी बनना चाहेंगी। अगर प्रकाश पादुकोण की बिटिया दीपिका सुपर मॉडल और अभिनेत्री बन सकती है, तो दिलीप वेंगसरकर की बेटी क्यों नहीं?

क्रिकेट के दीवाने इस देश में प्रकाश पादुकोण से ज्यादा शोहरत दिलीप वेंगसरकर की है। पिछले दिनों वे भारतीय क्रिकेट टीम के मुख्य चयनकर्ता भी हुआ करते थे। जहाँ तक खूबसूरती का सवाल है, पल्लवी सामान्य हैं। वैसे भी अब फिल्म की हीरोइन बनने के लिए खूबसूरत होना ज़रूरी नहीं है। अगर पैसा है, तो आप अपने शरीर का आकार बदल सकते हैं।

राखी सावंत एक मिसाल हैं ही सही। जैसे-जैसे उनके पास पैसा आता जा रहा है, वैसे-वैसे वे अपने शरीर को दुरुस्त कराती जा रही हैं या मोडीफाई करा रही हैं। सबसे पहले उन्होंने ऑपरेशन के जरिए अपना शेप मनमाफिक कराया। फिर पैसा आ गया तो होंठों का आकार बदलवा लिया। मानो शरीर, शरीर न होकर कार हो, जिसका बंपर आज बदलवाया, कलर कल और बोनट परसों। जैसे-जैसे पैसा आते जाए काम कराते जाइए, सामान बदलवाते जाइए।

शिल्पा शेट्टी दूसरा उदाहरण हैं। शिल्पा की नाक की नोक पहले अपने-आप पर गिरती हुई सी थी। दस साल पहले की शिल्पा और आज की शिल्पा शेट्टी में जमीन-आसमान का अंतर है। शरीर और चेहरे के आकार को बड़ी हद तक बदला जा सकता है। जब राखी सावंत और शिल्पा अपने-आपमें बदलाव कर सकती हैं, तो पैसा होने पर कोई भी कर सकता है। इसीलिए किसी सेलिब्रेटी के बेटे या बेटी को अपने चेहरे की चिंता करने की जरूरत नहीं है। पल्लवी को भी अगर खुद में कोई खामी नजर आई तो वे अपनी मरम्मत करवा लेंगी।

निर्माता चाहते हैं उनकी हीरोइन ऐसी हो जिसके करोड़ों चाहने वाले मौजूद हों। अगर ऐसा नहीं है, तो किसी सितारे की बेटी हो, ताकि लोग यही देखने जाएँ कि चलो देखते हैं, फलाँ की बेटी कैसी लगती है। दिलीप वेंगसरकर की बेटी को भी लोग जरूर देखने जाएँगे। फिल्म को भी प्रचार और चर्चा मिल ही जाएगी। सितारे की बेटी की पहली फिल्म असफल भी हो जाए, तो हर्जा नहीं। दूसरा निर्माता उसे लेकर फिर फिल्म बना लेगा।

अभी अनिल कपूर की बेटी सोनम को लेकर "दिल्ली ६" बनी ही है। मुसीबत उस लड़के या लड़की की है, जिसका बाप न तो सिने सितारा है, ना राजनीति में है, ना खिलाड़ी है। पहले कहा जाता था कि हीरो बनने का मौका केवल स्टार सन को मिलता है। अब हीरोइन बनने के लिए भी किसी बड़े की बेटी होना जरूरी होता जा रहा है।