शनिवार, 20 अप्रैल 2024
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Written By समय ताम्रकर

शाहरुख खान : बच्चों के लिए समय निकालें

शाहरुख खान : बच्चों के लिए समय निकालें -

एक पिता के रूप में शाहरुख खान की बेहतरीन छवि है। वे भले ही कितने ही व्यस्त क्यों ना हो दिन में दो-तीन बार अपने बच्चों से जरूर बातें करते हैं। मुंबई में होते हैं तो उनके साथ समय बिताने की कोशिश करते हैं। उनकी इन्हीं बातों को ध्यान में रखते हुए उन्हें पेप्सोडेंट के ‘पप्पू एंड पापा’ कैम्पेन का हिस्सा बनाया गया है। एसआरके ने अपनों के साथ अच्छा समय बिताने के लिए कुछ सुझाव दिए हैं। आइए जाने उन्हीं के शब्दों में :


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दोस्तों, क्या आप उन लोगों में से हैं जिन्हें लगता है कि अपने परिवार के साथ अच्छा समय बिताने का मतलब उनके साथ टीवी देखा, उन्हें रेस्तरां ले जाना या थिएटर में फिल्म दिखाना है, लेकिन यह काफी है?

अच्छा समय व्यतीत करना उसे कहा जा सकता है जिसमें आप और बच्चों को एक-दूसरे के साथ रहने का आनंद मिले। जैसे बच्चों के साथ दो मिनट के लिए बाथरुम में उनके दाँतों को ब्रश करने में उनकी मदद करना, नाश्ता करते समय उनके नखरों को सुनना और स्कूल के लिए जाते समय उन्हें तैयार होने में उनकी मदद करना।

बच्चों को केवल अच्छे स्कूल में भर्ती कराना, महँगे खिलौने दिलाना ही काफी नहीं है। महत्वपूर्ण है कि उनके साथ खेलना। उन्हें बातों-बातों में ज्ञानवर्धक बातें बताना। उन्हें खेलना सिखाना और साथ में अच्छे संस्कार देना।

मैं अपने बच्चों के साथ फुटबॉल खेलता हूँ। वो भी नियमों के मुताबिक। यदि वे नियमों के खिलाफ जाते हैं तो मैं उन्हें सजा देता हूँ। हारते हैं तो उन्हें अगली बार जीतने की चुनौती देता हूँ।

मुझे लगता है कि बच्चों में सकारात्मक सोच जगाना जरूरी है। दुनिया में हर कदम पर स्पर्धा है। उन्हें जीत का महत्व बताते हुए यह सिखाना भी जरूरी है कि हारना भी गुनाह नहीं है बशर्ते जीतने का पूरा प्रयास किया गया हो। हार का सामना करने के साथ ही उन्हें गलतियों की जिम्मेदारी स्वीकार करना सिखाना भी जरूरी है। इससे उन्हें एक अच्छा आदमी बनने में मदद मिलेगी।

कई परिवारों में माता-पिता दोनों काम पर जाते हैं, लेकिन उन्हें कोशिश करना चाहिए कि वे अपने बच्चों के लिए थोड़ा समय रोजाना जरूर निकालें। बच्चों के मन में कई तरह के सवाल होते हैं और हर चीज का हल उनके पास नहीं होता है। इसीलिए उन्हें हमारी जरूरत होती है। जिस तरह से अपनी मीटिंग के लिए आप समय निकालते हैं उसी तरह बच्चों के लिए भी समय निकालिए। उन्हें एहसास होने दें कि आपके लिए वे महत्वपूर्ण हैं।