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Last Updated : शुक्रवार, 16 अक्टूबर 2020 (02:23 IST)

चिराग पासवान बोले- नीतीश कुमार ने किया मेरे पिता का अपमान, लोकसभा चुनाव में JDU ने किया LJP के खिलाफ काम

चिराग पासवान बोले- नीतीश कुमार ने किया मेरे पिता का अपमान, लोकसभा चुनाव में JDU ने किया LJP के खिलाफ काम - Nitish Kumar behaved with my father haughtily, worked to defeat LJP nominees in LS polls : Chirag Paswan
पटना। लोक जनशक्ति पार्टी (LJP) के राष्ट्रीय अध्यक्ष चिराग पासवान (Chirag Paswan)  ने गुरुवार को स्पष्ट किया कि मुख्यमंत्री नीतीश कुमार (Nitish Kumar) की पार्टी जदयू (JDU) से गठबंधन तोड़ने के निर्णय का बिहार विधानसभा चुनाव (Bihar Assembly Elections) में राजग (NDA) में सीटों की साझेदारी से कोई संबंध नहीं है तथा मुख्यमंत्री ने महादलित का गठन कर दलित समुदाय को नुकसान पहुंचाया है।
 
चिराग ने इंटरव्यू के दौरान आरोप लगाया कि नीतीश ने अपने राजनीतिक फायदे के लिए दलितों के बीच से महादलित का गठन कर इस समुदाय के बीच फूट डालने का काम किया। उन्होंने कहा कि इसका उनके पिता और लोजपा के संस्थापक रामविलास पासवान (Ram Vilas Paswan) हमेशा विरोध करते रहे।
 
चिराग ने कहा कि 'यह ध्यान में रखा जाना चाहिए कि लोजपा कभी भी नीतीश की राजनीति की प्रशंसक नहीं रही है। मेरी राजनीतिक शुरुआत देखिए... पिताजी का लंबा राजनीतिक करियर रहा है... 2005 से ही हमलोग नीतीशजी के विरोध में रहे हैं। 2005, 2010 और 2015 के बिहार विधानसभा चुनाव को ले लें तो हर चुनाव हमलोगों ने उनके खिलाफ ही लड़ा था'।
 
लोजपा प्रमुख ने कहा कि लोजपा ने पिछला लोकसभा चुनाव नीतीश द्वारा रातोंरात महागठबंधन से नाता तोड़कर की गई राजग में वापसी के कारण मजबूरीवश जदयू के साथ लड़ा था। उन्होंने दावा किया कि जदयू के नेताओं ने पिछले लोकसभा चुनाव में गठबंधन धर्म का पालन न कर लोजपा के खिलाफ काम किया था।
हाल में ही रामविलास पासवान का निधन हुआ। उन्हें याद करते हुए 37 वर्षीय चिराग ने कहा कि मुझे सबसे अधिक दु:ख राज्यसभा चुनाव के समय मुख्यमंत्री नीतीश कुमारजी के मेरे पिताजी के साथ किए गए व्यवहार को लेकर हुआ था। 
 
लोजपा प्रमुख ने दावा किया कि उस समय रामविलास पासवान को राज्यसभा के लिए नामांकन के वास्ते नीतीश को अपने साथ बिहार विधानसभा ले जाने के लिए मुख्यमंत्री आवास तक जाना पड़ा था। उन्होंने कहा कि उनके पिता ने काफी अनुरोध किया।
 
चिराग ने कहा कि इस सबके बावजूद नामांकन के लिए शुभ मुहूर्त का समय निकल जाने के बाद नीतीश आखिरी पांच मिनट में वहां (नामांकन स्थल) पहुंचे।
 
उन्होंने कहा कि उस दिन से मुझे इस बात का दु:ख था कि आज आपके (नीतीश के) पास वर्चस्व और ताकत है तो आपने उसका पूरा इस्तेमाल किया। चिराग ने यह भी कहा कि एक पुत्र के नाते पिता तथा देश के इतने बड़े कद्दावर नेता का किसी के सामने से इस तरह झुकते हुए देखना मुझे बहुत बुरा लगा। 
चिराग ने नीतीश के उस बयान का भी उल्लेख किया जिसमें उन्होंने कहा था कि रामविलास पासवान क्या जदयू के समर्थन के बिना राज्यसभा के लिए निर्वाचित हो सकते थे? उन्होंने कहा कि उन्हें (नीतीश को) याद रखना चाहिए मेरे पिता को भाजपा के तत्कालीन राष्ट्रीय अध्यक्ष अमित शाह द्वारा एक राज्यसभा सीट दिए जाने का वादा किया गया था।
 
लोजपा प्रमुख ने बिहार विधानसभा चुनाव में सम्मानजनक सीट नहीं मिलने के कारण जदयू से गठबंधन तोड़ने के आरोप को खारिज करते हुए कहा कि मैंने केंद्रीय मंत्री अमित शाह और भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा से कई बार मुलाकात की, पर एक बार भी सीट-बंटवारे के मुद्दे पर कोई चर्चा नहीं हुई थी। मैं सिर्फ अपनी पार्टी के विजन डाक्यमेन्ट बिहार फर्स्ट, बिहारी फर्स्ट को राजग के न्यूनतम साझा कार्यक्रम में शामिल किए जाने की मांग कर रहा था पर नीतीशजी इसके लिए राजी नहीं थे।
 
उन्होंने नीतीश के सात निश्चय कार्यक्रम को प्रदेश की पिछली महागठबंधन सरकार (राजद-जदयू-कांग्रेस) का कार्यक्रम बताया और इसे खारिज करते हुए आरोप लगाया कि जिस तरह से इसमें घोटाले हुए हैं, लोजपा की सरकार बनते ही उसकी जांच की जाएगी और जितने दोषी हैं, सभी को जेल भेजा जाएगा।
 
चिराग ने केन्द्रीय गृह राज्यमंत्री एवं भाजपा नेता नित्यानंद राय की एक टिप्पणी पर मुख्यमंत्री नीतीश कुमार से उनका रुख स्पष्ट करने को कहा।
 
बिहार चुनाव में विपक्ष, राय की उस टिप्पणी कि राजद की जीत से बिहार कश्मीरी आतंकवादियों की सुरक्षित पनाहगाह बन जाएगा, को लेकर सत्तारूढ़ राजग को सवालों के लिए घेरे में खड़ा कर रहा है। उनकी इस टिप्पणी को राजग के विरोधी चुनाव से पहले माहौल को सांप्रदायिक बनाने के प्रयास के रूप में देख रहे हैं। (भाषा)