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Written By BBC Hindi
Last Updated : बुधवार, 20 मई 2020 (12:52 IST)

अंफन तूफ़ान आज टकराएगा समुद्र तट से, कितना है ख़तरनाक

अंफन तूफ़ान आज टकराएगा समुद्र तट से, कितना है ख़तरनाक - Today the amfan storm will hit the beach
बंगाल की खाड़ी से उठने वाला चक्रवाती तूफ़ान अंफन के कारण भारत और बांग्लादेश के तटीय इलाक़ों से बड़ी संख्या में लोगों को हटाया गया है। ऐसा अनुमान है कि भारत और बांग्लादेश की सीमाओं पर यह चक्रवाती तूफ़ान बुधवार को दस्तक देगा।पहले ही कोरोना महामारी से जूझ रहे ओडिशा और पश्चिम बंगाल के लिए तूफ़ान ने एक नई मुसीबत खड़ी कर दी है।

बंगाल की खड़ी में बना चक्रवाती तूफ़ान 'अंफन' सोमवार दोपहर बाद और गहराकर 'सुपर साइक्लोन' में तब्दील हो गया जिसकी वजह से तटवर्ती इलाक़ों में रहने वाले लाखों लोगों को वहाँ से निकाला गया है। अक्टूबर 1999 के बाद यह पहला मौक़ा है जब बंगाल की खाड़ी में कोई 'सुपर साइक्लोन' बना हो।

भारतीय अधिकारियों का कहना है कि 20 से अधिक राहत दलों को तैनात किया गया है जबकि कई टीमों को वक़्त आने पर उतारा जाएगा। कोरोना वायरस महामारी के कारण दोनों देशों में लोगों को सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाने में सरकारी कर्मचारियों को मुश्किलों का सामना करना पड़ रहा है।

भारतीय आपदा प्रबंधन के अधिकारी एस।जी। राय ने समाचार एजेंसी रॉयटर्स से कहा था, लोगों को उनके घरों से निकालने के लिए हमारे पास बस छह घंटे का समय है और हमें सोशल डिस्टेंसिंग के नियमों का भी पालन करना है। मौसम विज्ञानियों ने चेतावनी दी है कि अंफन दशक का सबसे बड़ा तूफ़ान है। ऐसा अनुमान है कि यह 185 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ़्तार से तट पर पहुंचेगा जो चक्रवाती तूफ़ान की पांचवीं श्रेणी के बराबर होगा।

बांग्लादेश में क्या है स्थिति
भारत के पड़ोसी देश बांग्लादेश में अधिकारियों का कहना है कि यह 2007 में आए चक्रवाती तूफ़ान सिद्र के बाद का सबसे शक्तिशाली चक्रवाती तूफ़ान होगा। सिद्र तूफ़ान में 3,500 से अधिक लोगों की मौत हुई थी। तट से टकराने के बाद इस तूफ़ान की गति कम होने की संभावना है।

भारत के मौसम विभाग का कहना है कि तूफ़ान के कारण समुद्र की लहरें 10 से 16 फ़ुट रहने का अनुमान है। यह तूफ़ान ऐसे समय पर आ रहा है जब कोरोना वायरस के संक्रमण को रोकने के लिए लॉकडाउन घोषित है और लाखों लोग अपने गांवों की ओर लौट रहे हैं। पश्चिम बंगाल और ओडिशा उन राज्यों में शामिल हैं जहां पर भारी संख्या में लोग लौट रहे हैं।

ओडिशा ने अब उन ट्रेनों को रद्द कर दिया है जो 18 से 20 मई के बीच हज़ारों प्रवासी मज़दूरों को वापस लाने वाली थी। तूफ़ान के कारण कई ज़िलों में अधिकारियों ने लोगों के आने पर पाबंदी लगा दी है और राज्य सरकार से निवेदन किया है कि उनके रहने की व्यवस्था की जाए।

लोगों को रखने के लिए व्यवस्था नहीं
बांग्लादेश के आपदा प्रबंधन मंत्री ने बीबीसी से कहा कि उनकी योजना 20 लाख लोगों को सुरक्षित जगहों पर पहुंचाने की है। इस अभियान के बुधवार की सुबह शुरू होने की संभावना है। सोशल डिस्टेंसिंग की जा सके इसके लिए अतिरिक्त शेल्टर होम बनाए गए हैं और फ़ेस मास्क भी बाँटे गए हैं।

हालांकि भारत में शेल्टर होम को लेकर संघर्ष का भी सामना करना पड़ रहा है। ओडिशा में 800 से अधिक शेल्टर होम में से 250 का इस्तेमाल कोरोना वायरस क्वारंटीन सेंटर्स के रूप में किया जा रहा है। दोनों देशों में जिन तटीय इलाक़ों में ये तूफ़ान पहुंचेगा वहां के स्कूलों और अन्य इमारतों को अस्थायी शेल्टर होम में तब्दील करने के लिए कहा गया है। भारत में सुंदरबन द्वीप के नज़दीक से 50,000 लोगों को निकाला गया है।

1999 में बंगाल की खाड़ी में आए चक्रवाती तूफ़ान के बाद यह शक्तिशाली चक्रवाती तूफ़ान है। 1999 में ओडिशा तट पर आए तूफ़ान में 9,000 से अधिक लोगों की मौत हुई थी। भारत के मौसम विभाग ने इलाक़े के लिए येलो अलर्ट जारी किया है और मछुआरों को सलाह दी है कि वो अगले 24 घंटों के लिए दक्षिण बंगाल की खाड़ी में न जाएं और 18 से 20 मई तक उत्तर बंगाल की खाड़ी में न जाएं।
 
मौसम विभाग का कहना है कि ऐसी आशंका है कि उत्तर-पश्चिम बंगाल की खाड़ी से यह तूफ़ान गुज़रेगा और पश्चिम बंगाल और बांग्लादेश के तट से 20 मई की दोपहर को गुज़रेगा, तब 'यह बहुत गंभीर चक्रवाती तूफ़ान होगा।