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Written By BBC Hindi
Last Modified: शनिवार, 17 सितम्बर 2022 (15:33 IST)

भारत को मिलने जा रहीं अहम वैश्विक ज़िम्मेदारियां, जानिए क्या होगा इसका असर

भारत को मिलने जा रहीं अहम वैश्विक ज़िम्मेदारियां, जानिए क्या होगा इसका असर - important role of india in world and its impact
भारत के पास होगी इनकी कमान
  • जी-20 की अध्यक्षता भारत को इस साल दिसंबर में मिलेगी और अगले साल नई दिल्ली में इसका समिट होगा
  • एससीओ की अध्यक्षता भी भारत के पास आ गई है और इसका समिट भी अगले साल भारत में ही होगा
  • संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद की अध्यक्षता भी इस साल दिसंबर में भारत को मिलेगी
  • जी-7 में भी भारत के शामिल होने की बात कही जा रही और ऐसा होता है तो यह जी-8 हो जाएगा
  • इसी महीने भारत ब्रिटेन को पीछे छोड़ दुनिया की पाँचवीं बड़ी अर्थव्यवस्था बन गया था
 
शंघाई सहयोग संगठन (एससीओ) की शिखर बैठक शुक्रवार को उज़्बेकिस्तान के शहर समरकंद में ख़त्म हुई जिसमें भारतीय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भी भाग लिया। इस दौरान पीएम मोदी ने रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन से मुलाक़ात की।
 
भारत के लिहाज़ से एससीओ काफ़ी महत्वपूर्ण होने वाला है क्योंकि अगले साल भारत एससीओ की अध्यक्षता करने जा रहा है और इसकी शिखर बैठक भारत में ही होगी।
 
भारत की अध्यक्षता को लेकर चीन का बयान आया है और उसने इसका समर्थन किया है। एससीओ में चीनी राष्ट्रपति शी जिनपिंग ने भी भाग लिया था लेकिन अभी तक यह साफ़ नहीं है कि भारतीय प्रधानमंत्री और चीनी राष्ट्रपति के बीच कोई औपचारिक मुलाक़ात हुई थी या नहीं।
 
हालांकि चीन के राष्ट्रपति शी जिनपिंग ने कहा है कि वो एससीओ की अध्यक्षता के लिए भारत का समर्थन करते हैं। इसके अलावा शी जिनपिंग ने अपने भाषण में ज़ोर देते हुए कहा है कि दुनिया के नेताओं को 'तर्कसंगत दिशा में अंतरराष्ट्रीय व्यवस्था के अनुरूप विकास को बढ़ावा देने के लिए साथ मिलकर काम करना चाहिए।'
 
वहीं रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने भी भारत को एससीओ की अध्यक्षता के लिए मुबारकबाद दी है।
 
कई विशेषज्ञों का मानना है कि विश्व में कूटनीति के स्तर पर भारत का कद और बड़ा होता दिख रहा है। भारत अगले साल जहाँ एससीओ की बैठक करने जा रहा है वहीं वो कई अंतरराष्ट्रीय संगठनों और धड़ों की भी अध्यक्षता करने जा रहा है।
 
क्या ज़िम्मेदारियां मिलीं?
एससीओ के अलावा भारत को दुनिया के 20 ताक़तवर देशों के समूह जी-20 की अध्यक्षता का कार्यभार भी इसी साल मिलने जा रहा है। अगले साल इसकी शिखर बैठक भारत में आयोजित होगी। इसे भी कूटनीति के क्षेत्र में अहम घटना के तौर पर देखा जा रहा है।
 
दुनिया की 20 सबसे बड़ी अर्थव्यवस्थाओं वाले इस समूह की अध्यक्षता भारत को एक दिसंबर 2022 को मिलेगी जो अगले साल 30 नवंबर तक उसके पास रहेगी।
 
अगर कोई देश जी-20 की अध्यक्षता कर रहा हो तो उसके पास यह अधिकार होता है कि वो किसी देश को गेस्ट कंट्री के तौर पर इसमें भाग लेने की अनुमति दे।
 
भारतीय विदेश मंत्रालय ने बताया है कि भारत जी-20 में अतिथि देश के तौर पर बांग्लादेश, मिस्र, मॉरिशस, नीदरलैंड्स, नाइजीरिया, ओमान, सिंगापुर, स्पेन और संयुक्त अरब अमीरात को न्योता भेजेगा।
 
दुनिया के नक़्शे पर अगर इन देशों की भौगोलिक मौजूदगी को देखा जाए तो भारत ने बहुत सोच समझकर यह फ़ैसला लिया है। बांग्लादेश जहाँ भारत का पड़ोसी देश है वहीं इस सूची में अरब, यूरोप, अफ़्रीका और पूर्वी एशिया के देश शामिल हैं। एससीओ, जी-20 के अलावा भारत संयुक्त राष्ट्र में भी अपनी अहम मौजूदगी दर्ज कराने जा रहा है।
 
संयुक्त राष्ट्र एक जाना-पहचाना नाम और वैश्विक संगठन है और उसकी सुरक्षा परिषद की ताक़त को हर देश मानता है। संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद (यूएनएससी) की अध्यक्षता भी भारत को मिलने जा रही है।
 
इस साल के आख़िर में भारत को यह ज़िम्मेदारी दी जा रही है। दिसंबर 2022 में भारत सुरक्षा परिषद की अध्यक्षता करेगा। भारत संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद में अस्थायी सदस्य है।
 
इसके अलावा दुनिया के सात ताक़तवर देशों के संगठन जी-7 में भी भारत को शामिल करने की चर्चाएं होती रहती हैं लेकिन इसमें अभी फ़िलहाल बड़ी कामयाबी मिलती नहीं दिख रही है लेकिन इसी साल भारत ने इस संगठन में अपनी अहम मौजूदगी दर्ज कराई थी।
 
इस साल जून महीने में जर्मनी में हुई जी-7 की शिखर बैठक में भारत ने इसमें मेहमान देश की भूमिका निभाई थी। जी-7 में जर्मनी ने भारत को अतिथि देश के तौर पर बुलाया था।
 
वैश्विक कूटनीति के क्षेत्र में भारत की भूमिका
कई अंतरराष्ट्रीय संगठनों में भारत की अध्यक्षता मिलने को एक बड़ी कूटनीतिक विजय के तौर पर देखा जा रहा है और माना जा रहा है कि भारत इसके ज़रिए अपनी एक बड़ी कूटनीतिक छाप दुनिया पर छोड़ेगा।
 
समाचार एजेंसी एएनआई के मुताबिक़, पूर्व विदेश सचिव हर्षवर्धन श्रृंगला ने कहा था कि विश्व में भारत की भूमिका बीते कुछ सालों में तेज़ी से महत्वपूर्ण हो चुकी है और एससीओ, जी-20 और संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद की अध्यक्षता मिलना संकेत देता है कि भारत भविष्य में किस तरह की भूमिका निभाने जा रहा है।
 
भारत को इस तरह की भूमिका दिए जाने को लेकर श्रृंगला इसके कई कारण भी गिनाते हैं। वो कहते हैं कि भारत में रिकॉर्ड 150 अरब डॉलर का एफ़डीआई हुआ है, देश की 60 फ़ीसदी आबादी युवा है, विदेशी मुद्रा भंडार 600 अरब डॉलर का हो चुका है और वित्तीय वर्ष की अनुमानित वृद्धि दर 9 फ़ीसदी तक है, इन सबके कारण भारत लगातार शीर्ष पर जा रहा है।
 
उन्होंने कहा था, "इस साल के आख़िर में भारत को जी-20 की अध्यक्षता मिलेगी। जी-20 देश दुनिया की जीडीपी का 80 फ़ीसदी, अंतरराष्ट्रीय व्यापार का 75 फ़ीसदी और 60 फ़ीसदी जनसंख्या का प्रतिनिधित्व करते हैं। यह प्रमुख सामाजिक-आर्थिक और समसामयिक मुद्दों पर वैश्विक विमर्श को आकार देता है। भारत को इस साल के आख़िर में जी-20, संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद और एससीओ की अध्यक्षता मिलने जा रही है जो संकेत है कि भारत की भविष्य में क्या भूमिका होगी।"
 
भारत में पाकिस्तान के उच्चायुक्त रह चुके अब्दुल बासिल भी मानते हैं कि भारत की कूटनीतिक ताक़त लगातार बढ़ रही है। लेकिन इसके साथ ही वो यह भी कहते हैं कि भारत को अभी ख़ुद को विकसित देश घोषित करने के लिए दशकों चाहिए होंगे क्योंकि भारत में अभी भी करोड़ों लोग ग़रीबी में रह रहे हैं।
 
अब्दुल बासित ने अपने यूट्यूब वीडियो में भारत के पांचवीं बड़ी अर्थव्यवस्था बनने का ज़िक्र भी किया। ग़ौरतलब है कि सितंबर महीने की शुरुआत में भारत सकल घरेलू उत्पाद यानी (जीडीपी) के मामले में ब्रिटेन को पछाड़कर विश्व की पांचवीं सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बन गया था।
 
ब्लूमबर्ग के आंकड़ों ने बताया था कि भारत ने मार्च 2022 के अंत में ब्रिटेन को पीछे छोड़ दिया था। ब्लूमबर्ग ने ये निष्कर्ष अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष (आईएमएफ़) के आंकड़ों के आधार पर निकाला था।
 
ब्लूमबर्ग के मुताबिक़, इस साल मार्च के अंत में भारत की अर्थव्यवस्था 854।7 अरब डॉलर की थी जबकि ब्रिटेन की अर्थव्यवस्था 816 अरब डॉलर की थी।
 
पाकिस्तान के पूर्व उच्चायुक्त ने और क्या-क्या कहा
अब्दुल बासित ने अपने यूट्यबू वीडियो में कहा कि पांचवीं बड़ी अर्थव्यवस्था बनने और वैश्विक संगठनों में जगह मिलना भारत की ताक़त को दिखाता है।
 
उन्होंने कहा, "मैं आने वाले महीनों और सालों में देख रहा हूँ कि इस ताक़त की वजह से भारत का अंतरराष्ट्रीय कद बढ़ेगा। संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद की एक महीने की अध्यक्षता भारत को मिलने जा रही है तो हमें (पाकिस्तान) क़रीब से देखना है कि भारत उस एक महीने में क्या करेगा।"
 
"उसके बाद यूएनएससी की भारत की दो साल की अस्थायी सदस्यता भी ख़त्म हो जाएगी। ऐसी संभावना है कि भारत कुलभूषण जाधव के हवाले से कोई न कोई बात वहाँ लेकर जाए। भारत को इस साल जी-20 की अध्यक्षता मिलने जा रही है।"
 
अब्दुल बासित कहते हैं कि जी-20 एक बहुत अहम संगठन है, जिसकी बैठक अगले साल भारत में होगी, इसका मतलब है कि अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडन और चीनी राष्ट्रपति शी जिनपिंग समेत दुनिया के कई बड़े देशों के राष्ट्राध्यक्ष भारत में होंगे। इसके साथ ही भारत में एससीओ की बैठक अगले साल होने जा रही है।
 
"भारत के पास अब ऐसी बहुत सी जगहें हैं, जहां वो अपने आप को इस तरह से स्थापित कर रहा है कि उसकी अब क्षेत्रीय के साथ-साथ वैश्विक भूमिका भी है। जी-20 की तक़रीबन 200 बैठकें भारत भर में होंगी जिनमें से कुछ बैठकें जम्मू-कश्मीर में हो सकती हैं, इसलिए हमें यह देखना है कि कौन-सी बैठकें वहाँ होने जा रही हैं और कौन-से देश वहाँ जा रहे हैं।"
 
इसके साथ ही बासित ने कहा कि उन्हें लगता है कि कुछ समय में भारत को जी-7 की सदस्यता का निमंत्रण भी दिया जाएगा और उसके बाद ये संगठन जी-8 हो जाएगा, इस बार इसमें रूस नहीं भारत होगा क्योंकि वो दुनिया की पांचवीं बड़ी अर्थव्यवस्था है।
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