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Written By BBC Hindi
Last Updated : बुधवार, 15 अक्टूबर 2014 (10:41 IST)

समय पर दफ्तर पहुंचने लगे हैं सरकारी बाबू

समय पर दफ्तर पहुंचने लगे हैं सरकारी बाबू - attendance_government_ministries
- सलमान रावी बीबीसी संवाददाता, दिल्ली

लोगों को अमूमन यह शिकायत रहती है कि सरकारी बाबू दफ्तरों से या तो गैर हाजिर रहते हैं या फिर देर से आते हैं। लेकिन सरकारी स्तर पर एक वेबसाइट शुरू हुई है जिससे पता लगाया जा सकेगा कि कौन-सा सरकारी अधिकारी या कर्मचारी कब दफ्तर आ रहा है और कब दफ्तर से जा रहा है।


नई पहल से सरकारी काम-काज को सुचारु बनाने की कोशिश की जा रही है और सरकारी कर्मचारियों को और भी अधिक जवाबदेह बनाया जा रहा है।

यह योजना 30 सितंबर से लागू की गई है और मंगलवार यानी 14 अक्टूबर को सरकारी दफ्तरों में नौ बजे से पहले आने वाले अधिकारी और कर्मचारियों का प्रतिशत 25.8 था जबकि सुबह के 9 बजे से लेकर 10 बजे के बीच दफ्तर पहुंचने वालों की तादाद 63.9 प्रतिशत थी।

यानी 90 प्रतिशत कर्मचारी और अधिकारी दस बजे से पहले अपनी सीटों पर पहुंच चुके थे। 11 बजे के बाद आने वालों का प्रतिशत सिर्फ एक ही था।

हालांकि पहले चरण में सिर्फ दिल्ली स्थित केंद्र सरकार के कुछ विभागों, कैबिनेट सचिवालय, विदेश मंत्रालय, केंद्रीय जल आयोग, योजना आयोग और सूचना एवं प्रसारण मंत्रालय को इसमें लाया गया है मगर जल्द ही पूरे भारत में केंद्र सरकार के कार्यालयों में इस योजना को लागू किया जाएगा।

अब सभी विभागों के अधिकारियों और कर्मचारियों को अटेंडेंस.जीओवी.इन ( http://attendance.gov.in/) नाम की वेबसाइट पर दफ्तर आते समय और जाते समय भी लॉग इन करना पड़ेगा।

पहल से होगा फायदा : भारत के पूर्व कैबिनेट सचिव सुरेन्द्र सिंह कहना था कि पहले विभागाध्यक्ष पर ही निर्भर किया करता था कि वह अपने मातहतों की हाजिरी सुनिश्चित करे।

वह कहते हैं, 'पहले न तो पंचिंग मशीनें हुआ करती थीं और ना ही कोई दूसरा तरीका जिससे पता लग पाए कि कौन कब दफ्तर आ रहा है और कब दफ्तर से जा रहा है। अधिकारियों का भी यही हाल था। इस तरह की पहल से फायदा होगा।'

भारतीय प्रशासनिक सेवा के अधिकारी रहे एसके मिश्रा को लगता है कि नई व्यवस्था के कारण सरकारी कर्मचारियों और अधिकारियों को कुछ दिनों में समय पर दफ्तर आने की आदत पड़ जाएगी क्योंकि वेबसाइट की वजह से एक सिस्टम बन जाएगा।

हलांकि एक अन्य पूर्व प्रशासनिक अधिकारी भूरे लाल का कहना है कि अधिकारियों और कर्मचारियों को अपना काम तो करना ही है, चाहे वे उसे चार घंटों में पूरा करें या आठ घंटों में। इस योजना के पहले चरण के अंतर्गत 149 विभागों के 51,070 कर्मचारियों को लाया गया है।

पहले कहा जा रहा था कि आम लोगों को भी इस नई वेबसाइट से पता लग पाएगा कि कौन से अधिकारी दफ्तर में हैं और कौन से नहीं। मगर फिलहाल इस वेबसाइट में इसका प्रावधान नहीं किया गया है। अलबत्ता लोगों को इतनी राहत जरूर है कि योजना के लागू होते ही बाबुओं ने समय पर आना शुरू कर दिया है।