मंगलवार, 23 अप्रैल 2024
  • Webdunia Deals
  1. समाचार
  2. ऑटो मोबाइल
  3. समाचार
  4. Nano car can be called bye
Written By
Last Modified: शुक्रवार, 25 जनवरी 2019 (09:44 IST)

रतन टाटा की ड्रीम कार नैनो को अप्रैल में कहा जा सकता है अलविदा, नहीं बन पाई भारतीय परिवारों की पसंद

रतन टाटा की ड्रीम कार नैनो को अप्रैल में कहा जा सकता है अलविदा, नहीं बन पाई भारतीय परिवारों की पसंद - Nano car can be called bye
हैदराबाद। टाटा की नैनो को अगले साल अप्रैल में अलविदा कहा जा सकता है। रतन टाटा की इस ड्रीम कार को भारत स्टेज-6 पर्यावरण मानकों के अनुरूप मोडिफाई करने की टाटा मोटर्स की कोई योजना नहीं है। यह रतन टाटा के दिमाग की उपज थी, उन्होंने दोपहिया वाहनों पर सवारी करने वाले परिवारों को नैनो के रूप में एक सुरक्षित और किफायती विकल्प देने की परिकल्पना की थी, लेकिन भारतीय उपभोक्ता की ओर से इस पर उपयुक्त प्रतिक्रिया नहीं मिली।


कंपनी के एक वरिष्ठ अधिकारी ने इस बात का संकेत दिया कि अप्रैल 2020 से छोटी कार का उत्पादन और बिक्री बंद कर दी जाएगी। नैनो को हमारे साणंद संयंत्र (गुजरात) में बनाया जाता है। कंपनी के अनुसार जनवरी में नए सुरक्षा मानदंड आए हैं, अप्रैल में कुछ और नए मानदंड आएंगे और अक्टूबर में नए सुरक्षा मानदंड आ जाएंगे तथा 1 अप्रैल 2020 से बीएस-6 लागू होने जा रहा है, इसलिए सभी उत्पाद बीएस-6 मानदंड को पूरा नहीं कर पाएंगे और हम सभी उत्पादों का उन्नयन करने में निवेश नहीं कर सकते हैं और नैनो उन उत्पादों में से एक है।

यह कारों की सीरीज में शुरुआती स्तर की कार है। यह रतन टाटा के दिमाग की उपज थी, उन्होंने दोपहिया वाहनों पर सवारी करने वाले परिवारों को नैनो के रूप में एक सुरक्षित और किफायती विकल्प देने की परिकल्पना की थी, लेकिन भारतीय उपभोक्ता की ओर से इस पर उपयुक्त प्रतिक्रिया नहीं मिली। नैनो कार को 2009 में लगभग एक लाख रुपए की कीमत पर बाजार में उतारा गया था।

पारीक ने यह भी संकेत दिया कि टाटा मोटर्स के कुछ मौजूदा उत्पादों को भी बीएस-6 मानदंडों के कारण बंद कर दिया जाएगा। हालांकि उन्होंने बंद किए जाने वाले अन्य यात्री वाहनों के नाम स्पष्ट नहीं किए। तीन साल पहले टाटा मोटर्स की यात्री कार सेगमेंट में बाजार हिस्सेदारी 2.8 प्रतिशत थी। कंपनी की वर्ष 2021-22 तक नए वाहन उतारकर बाजार में अपनी हिस्सेदारी बढ़ाने का लक्ष्य है।

कंपनी के मुताबिक देश में कार की बिक्री के संदर्भ में पिछला त्योहारी सत्र अच्छा नहीं रहा क्योंकि बाजार में नकदी का संकट था जिसके परिणामस्वरूप ऋण मिलना कुछ कठिन रहा। इलेक्ट्रिक वाहनों के बारे में उन्होंने कहा कि हालांकि उनके पास विद्युतचालित वाहनों को विकसित करने की तकनीक है, लेकिन देश में पर्याप्त चार्जिंग (बैटरी चार्ज स्थल) बुनियादी ढांचा उपलब्ध नहीं है।
ये भी पढ़ें
राहुल गांधी का बड़ा प्‍लान, लोकसभा चुनाव में इस तरह देंगे पीएम मोदी को मात...