गुरुवार, 18 अप्रैल 2024
  • Webdunia Deals
  1. धर्म-संसार
  2. ज्योतिष
  3. ज्योतिष आलेख
  4. Panchang Start 22 May 2022
Written By

Panchak May 2022 : रोग पंचक शुरू, जानें कब होगा समापन, सावधानी और खास बातें...

Panchak May 2022 : रोग पंचक शुरू, जानें कब होगा समापन, सावधानी और खास बातें... - Panchang Start 22 May 2022
22 मई 2022, दिन रविवार से पंचक लग गया है, इस बार पंचक शुरू होने के दिन ज्येष्ठ कृष्ण सप्तमी तिथि है। रविवार के धनिष्ठा नक्षत्र होने से मातंग नाम का शुभ योग इस दिन बन रहा है और यह शुभ योग पूरे दिन रहेगा। 22 मई के दिन पंचक की शुरुआत सुबह 11.12 मिनट से हो रही है तथा पंचक का समापन 27 मई 2022, शुक्रवार सुबह 00.39 बजे होगा। 
 
ज्योतिष में पंचक को शुभ नक्षत्र नहीं माना जाता है। इसे अशुभ और हानिकारक नक्षत्रों का योग माना जाता है। घनिष्ठा, शतभिषा, पूर्वा भाद्रपद, उत्तरा भाद्रपद एवं रेवती नक्षत्रों के मेल से बनने वाले विशेष योग को पंचक कहा जाता है। जब चंद्रमा, कुंभ और मीन राशि पर रहता है, तब उस समय को पंचक कहते हैं। 
 
प्राचीन ज्योतिष शास्त्र में घनिष्ठा से रेवती तक जो 5 नक्षत्र (घनिष्ठा, शतभिषा, पूर्वा भाद्रपद, उत्तरा भाद्रपद एवं रेवती) होते हैं, उन्हे पंचक कहा जाता है। ज्योतिष में आमतौर पर माना जाता है कि पंचक में कुछ कार्य विशेष नहीं किए जाते हैं। इस बार पंचक रविवार से शुरू हो रहा है, यह रोग पंचक कहलाता है। इसके प्रभाव से ये 5 दिन शारीरिक और मानसिक परेशानियों वाले होते हैं। इस पंचक में किसी भी तरह के शुभ कार्य नहीं करने चाहिए। हर तरह के मांगलिक कार्यों में ये पंचक अशुभ माना गया है।

 
पंचक के दौरान ध्यान रखें ये बातें- 
 
* पंचक के दौरान जिस समय घनिष्ठा नक्षत्र हो उस समय घास, लकड़ी आदि ईंधन एकत्रित नहीं करना चाहिए, इससे अग्नि का भय रहता है।
 
* पंचक के दौरान दक्षिण दिशा में यात्रा नहीं करनी चाहिए, क्योंकि दक्षिण दिशा, यम की दिशा मानी गई है। इन नक्षत्रों में दक्षिण दिशा की यात्रा करना हानिकारक माना गया है।

 
* पंचक के दौरान जब रेवती नक्षत्र चल रहा हो, उस समय घर की छत नहीं बनाना चाहिए, ऐसा विद्वानों का मत है। इससे धन हानि और घर में क्लेश होता है। मान्यता है कि पंचक में पलंग बनवाना भी बड़े संकट को न्यौता देना है।
 
* प्रचलित मान्यता के अनुसार पंचक में किसी की मृत्यु होने से और पंचक में शव का अंतिम संस्कार करने से उस कुटुंब या निकटजनों में पांच मृत्यु और हो जाती है। इस स्थिति से बचने के लिए यदि किसी की मृत्यु पंचक अवधि में हो जाती है, तो शव के साथ 5 पुतले आटे या कुश (एक प्रकार की घास) से बनाकर अर्थी पर रखें और इन पांचों का भी शव की तरह पूर्ण विधि-विधान से अंतिम संस्कार करना चाहिए, इससे पंचक दोष समाप्त हो जाता है।
 
नक्षत्र और पंचक का प्रभाव- 
 
* पंचक के प्रभाव से घनिष्ठा नक्षत्र में अग्नि का भय रहता है। 
 
* शतभिषा नक्षत्र में कलह होने के योग बनते हैं। 
 
* पूर्वा भाद्रपद रोग कारक नक्षत्र होता है। 
 
* उत्तरा भाद्रपद में धन के रूप में दंड होता है। 
 
* रेवती नक्षत्र में धन हानि की संभावना होती है।

Panchak 2022