शनिवार, 20 अप्रैल 2024
  • Webdunia Deals
  1. धर्म-संसार
  2. ज्योतिष
  3. ज्योतिष आलेख
  4. gajlakshmi vrat 2021 mahalakshmi vrat
Written By

महालक्ष्मी व्रत 28 या 29 सितंबर को, कब मनाना है उचित, जानिए पंडितों की राय

महालक्ष्मी व्रत 28 या 29 सितंबर को, कब मनाना है उचित, जानिए पंडितों की राय - gajlakshmi vrat 2021 mahalakshmi vrat
श्राद्ध के दिनों में आने वाले पर्व गजलक्ष्मी व्रत का अत्यंत शुभ महत्व है। यह व्रत इस बार मत मतांतर से 28 और 29 को माना जा रहा है....अलग अलग पंचांगों में इसकी तिथि अलग बताई जा रही है ....यह व्रत और इस दिन की जाने वाली पूजा का दिवाली से भी ज्यादा महत्व माना गया है....आइए जानते हैं कि कौन सी तारीख को पर्व मनाना शुभ है... 
 
हिंदू पंचांग के अनुसार, आश्विन मास के कृष्ण पक्ष की अष्टमी तिथि की शुरुआत 28 सितंबर, दिन मंगलवार को शाम 06.16 मिनट पर हो शुरू होगी व इसका समापन 29 सितंबर को रात के 08.29 मिनट पर होगा। उदया तिथि के कारण इस व्रत को 29 सितंबर को रखा जाएगा।
 
पंडित विशाल जोशी के अनुसार यह व्रत 29 को मनाया जाना उचित है, क्योंकि श्राद्ध पक्ष में 26 को कोई भी तिथि मान्य नहीं हुई है अत: 27 को षष्ठी व सप्तमी आधे-आधे दिन है। 28 तारीख को सप्तमी का श्राद्ध माना गया है उस हिसाब से और उदया तिथि के अनुसार 29 सितंबर को पर्व मनाया जाना सही होगा... 
 
ज्योतिषी वंदना शर्मा का कहना है कि 28 और 29 दोनों दिन पर्व की पूजा की जा सकती है। पंचांग भेद के बावजूद दोनों दिन शुभ समय पर पूजा की जा सकती है। चूंकि गजलक्ष्मी व्रत की पूजा शाम के समय होती है अत: 28 की शाम 8 के बाद और 29 की शाम 8 बजे से पहले करना उचित होगा। 29 सितंबर को रात के 08.29 मिनट के बाद नवमी तिथि लग जाएगी... इस बार 26 को कोई भी श्राद्ध तिथि मान्य नहीं थी... 
पंडित सुरेंद्र बिल्लौरे के अनुसार, मंगलवार, 28 सितंबर 2021 को अष्टमी श्राद्ध किया जाएगा। गजलक्ष्मी देवी का पूजन 29 सितंबर को होगा, क्योंकि ‍29 सितंबर को उदया तिथि में अष्टमी होने के कारण इस पूरे दिन अष्टमी तिथि रहेगी। अत: ‍29 सितंबर का दिन ही गजलक्ष्मी पूजन के लिए उचित माना जाएगा।
 
अगर आप गजलक्ष्मी का पूजन कर रहे हैं तो वह 29 सितंबर को करना सही होगा। लेकिन अष्टमी का श्राद्ध 28 सितंबर को ही किया जाएगा। 
ज्योतिर्विद पंडित हेमंत रिछारिया मानते हैं कि यह व्रत 28 को मनाया जाना उचित है। उनके अनुसार पूजा का शुभ समय होगा 28 सितंबर की दोपहर 3.00 से 4:30 और सायंकाल 7:30-9.00

 
(वेबदुनिया की सलाह है कि मत-मतांतर के चलते परिचित पंडित से पूछ कर ही निर्णय लें। यहां पंडितों के सिर्फ विचार दिए गए हैं) 
ये भी पढ़ें
दीपावली से भी ज्यादा बड़ी है श्राद्ध पर्व की 8वीं तिथि, महालक्ष्मी व्रत पर कैसे करें राशिनुसार पूजन