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Written By WD

एचआईवी पीडि़त ईश्वरी बनी प्रेरणा

एड्‍स से हार नहीं मानी ईश्वरी ने

एचआईवी पीडि़त ईश्वरी बनी प्रेरणा -
- वेबदुनिया डेस्क

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मानव ज‍ीवन बहुत कीमती है। किस्मतवालों को ही यह जीवन नसीब होता है। ऐसे में जरा आप उन लोगों के बारे में सोचिए, जो पल-पल मौत से लड़ रहे हैं। मौत को उन्होंने करीब से देखा है, परंतु उनका गजब का आत्मविश्वास उन्हें मौत को मात देने की प्रेरणा देता है।

अब मौत का खौफ इन्हें निराश नहीं करता होकर बल्कि कुछ अनोखा व बेहतर कर दिखाने के लिए प्रेरित करता है। कुछ ऐसा ही सराहनीय कार्य करके कई लोगों की प्रेरणा बनी- तमिलनाडु के कोडांगीपट्टी गाँव की पंचायत का प्रतिनिधित्व करने वाली ईश्वरी, जो 'एचआईवी पोजीटिव' हैं। यही नहीं ईश्वरी का पति व पुत्र भी आज एड्स नाम की जानलेवा बीमारी से संघर्ष कर रहे हैं।

मानव को निगलकर उसका मौत से साक्षात्कार कराने वाली यह बीमारी 'ह्यूमन इम्यूनो डिफिसियेन्सी वायरस' से होती है। यह वायरस मानव शरीर में मौजूद श्वेत रक्त कोशिकाओं में प्रवेश कर उन्हें नष्ट कर देते हैं। इससे हमारे शरीर की रोग प्रतिरोधक क्षमता कम हो जाती है और धीरे-धीरे व्यक्ति मौत के नजदीक पहुँचता जाता है।

  ईश्वरी ने अपने दो बेटों को खोकर अपनी इस बीमारी की बहुत बड़ी कीमत चुकाई है परंतु इतने पर भी उसने अपना आत्मविश्वास नहीं खोया। पूरे जोश के साथ वो फिर इस दु:ख से उबरकर खड़ी हुई और अपने परिवार (पति व पुत्र) को भी इस बीमारी से लड़ने की हिम्मत बँधाई।      
आज जहाँ लोग इतनी जागरूकता के बावजूद भी एड्स के रोगियों से घृणा करते हैं और उन्हें हीन दृष्टि से देखते हैं, वहीं ईश्वरी व उसका परिवार अपने आप में इस बात की एक मिसाल बना है कि एड्स के रो‍गियों को भी आम लोगों जैसा सामान्य जीवन जीने का अधिकार है। आखिर वह भी तो इंसान है? कोडांगीपट्टी गाँव के लोगों ने ईश्वरी को पंचाय‍त चुनाव में विजयी बनाकर कुछ ऐसी ही जागरूकता का परिचय दिया है।

ईश्वरी ने अपने दो बेटों को खोकर अपनी इस बीमारी की बहुत बड़ी कीमत चुकाई है परंतु इतने पर भी उसने अपना आत्मविश्वास नहीं खोया। पूरे जोश के साथ वो फिर इस दु:ख से उबरकर खड़ी हुई और अपने परिवार (पति व पुत्र) को भी मौत का साक्षात्कार कराने वाली इस बीमारी से लड़ने की हिम्मत बँधाई।

कहते हैं जब इंसान के हौसले बुलंद हो, तब उसकी राह की हर मुश्किल आसान हो जाती है। ईश्वरी ने भी अपने काम से अपने गाँव में अपनी एक अलग पहचान बनाई है। पिछले दो वर्षों में उसने अपने गाँव में विकास का सूत्रपात करते हुए गाँववालों को पक्की सड़क, पीने योग्य पानी, पर्याप्त बिजली आदि मूलभूत सुविधाएँ मुहैया कराई है। आज भी ईश्वरी अपने गाँव की प्रगति के लिए कई अन्य सराहनीय कार्य कर रही है व पूरे जोश के साथ अपनी जिंदगी को जी रही है।

अपने गाँव के विकास के लिए किए गए उसके सराहनीय कार्यों व गजब के आत्मविश्वास के कारण ईश्वरी को हमेशा याद किया जाएगा।