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नींद नहीं आती है रातों में: प्रणव

नई दिल्ली| Naidunia| Last Modified गुरुवार, 9 फ़रवरी 2012 (01:11 IST)
केंद्रीय वित्त मंत्री मुखर्जी ने बढ़ते सब्सिडी बोझ पर चिंता व्यक्त करते हुए बुधवार को कहा कि इससे 'उनकी रातों की उड़ने लगी है।' गौरतलब है कि चालू वित्त वर्ष के दौरान खाद्यान्न, उर्वरक और ईंधन की खुदरा बिक्री पर सरकारी सहायता (सब्सिडी) बजट अनुमान से एक लाख करोड़ रुपए ज्यादा हो जाने की आशंका व्यक्त की जा रही है। बजट में इस साल के लिए सब्सिडी 1,34,000 करोड़ रुपए रहने का अनुमान है, लेकिन सरकार के मुताबिक अब यह 2,34,000 करोड़ रुपए तक हो सकती है। खासकर उर्वरक, खाद्य और तेल सब्सिडी की वजह से यह बिल काफी बढ़ गया है। अगले कारोबारी साल के बजट पेश होने में अब करीब सवा महीने ही बचे हैं, ऐसे में स्वाभाविक है कि बढ़ते सब्सिडी बोझ और उसकी भरपाई की चिंता से वित्त मंत्री की रातों की नींद उड़ने लगी हो। उन्होंने कहा 'वित्त मंत्री के तौर पर जब मैं विभिन्न मदों में दी जाने वाली भारी सब्सिडी के बारे में सोचता हूं तो मेरी नींद उड़ जाती है। इसमें कोई शक नहीं।'मुखर्जी बुधवार को यहां लक्षित सार्वजनिक वितरण प्रणाली और भंडारण पर आयोजित राज्यों के कृषि और खाद्य मंत्रियों के सम्मेलन को संबोधित कर रहे थे। कर संग्रह में लक्ष्य से कम बढ़त और विनिवेश से भी ज्यादा पैसा न आने की वजह से वित्त मंत्री को बजट में संतुलन बनाने में काफी मुश्किल आएगी।


माना जा रहा है कि प्रस्तावित खाद्य सुरक्षा कानून के अमल में आने के बाद जहां एक तरफ खाद्यान्न की आपूर्ति बढ़ाने की जरुरत होगी, वहीं दूसरी तरफ सरकार का सब्सिडी बोझ भी बढ़ेगा।

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