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Written By Naidunia
Last Modified: शाजापुर , शनिवार, 7 जनवरी 2012 (08:34 IST)

कंपाउंडरों के हवाले मरीज

कंपाउंडरों के हवाले मरीज -
शासन-प्रशासन द्वारा नागरिकों को बेहतर चिकित्सा सुविधाएँ उपलब्ध कराए जाने की बातें तो की जाती हैैं, लेकिन हकीकत इनसे कोसों दूर रहती है। जिले के 6 प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र ऐसे हैं ,जहाँ पर वर्षों से चिकित्सक नहीं हैं तथा कंपाउंडर व ड्रेसर मरीजों का उपचार कर रहे हैं।


प्राप्त जानकारी के अनुसार जिले के प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र गुलाना, मकोड़ी, सेमली चाचा, बड़ागाँव, बीजानगरी, तिलावद मैना, अवंतिपुर बड़ोदिया ऐसे है जहाँ पर चिकित्सक पद स्वीकृत होने के बावजूद एक भी चिकित्सक पदस्थ नहीं है। इन केंद्रों पर कंपाउंडर व ड्रेसर ही मरीजों को उपचार दे रहे हैं। चिकित्सकों के अभाव में उक्त प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र के क्षेत्रांतर्गत निवासरत ग्रामीणों को उचित उपचार के लिए भटकना पड़ता है।


73 होना थे, मात्र 14 ही हैं

शहर में एक जिला चिकित्सालय, आगर एवं शुजालपुर में सिविल अस्पताल, बड़ौद, सुसनेर, नलखेड़ा, कालापीपल, पोलायकलाँ एवं मो.बड़ोदिया में सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र, बरेछा, दुपाड़ा, कानड, बीजानगरी, सोयत, बड़ागाँव, मोहना, बोलाई, अकोदिया, अरनियाकलाँ, तिलावद मैना, खोखराकला, सुंदरसी, मक्सी, झोंकर, समेली चाचा, गुलाना, मकोड़ी, चांदनगाँव, अवंतिपुर बड़ोदिया में प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र हैं जिनके लिए शासन द्वारा प्रथम श्रेणी के 73 चिकित्सकों के पद स्वीकृत हैं। इसमें से मात्र 14 ही कार्यरत है। इसी प्रकार द्वितीय श्रेणी के 87 में से मात्र 55 चिकित्सक ही कार्यरत है।


पत्र भेजे गए हैं

जिले के जिन प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्रों पर एक भी चिकित्सक पदस्थ नहीं है तथा जिन स्वास्थ्य केंद्रों पर चिकित्सकों की कमी है उसे दूर करने के लिए विभाग द्वारा शासन को पत्र भेजे गए हैं। -डॉ. जनार्दन अतुलकर, मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी