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Written By Naidunia
Last Modified: खरगोन , बुधवार, 16 नवंबर 2011 (01:39 IST)

लड़खड़ाती साँसों को मिला सहारा

लड़खड़ाती साँसों को मिला सहारा -
साढ़े तीन माह से पेंशन की बाट जोह रही गंभीर बीमार एक सेवानिवृत्त शिक्षिका के प्रकरण का मात्र तीन घंटे में निराकरण कर दिया गया। इस विषय में कलेक्टर ने सहानुभूति जताते हुए न केवल निराकरण करवाया बल्कि शिक्षिका के स्वास्थ्य की जानकारी भी ली। नईदुनिया ने सोमवार के अंक में 'पेंशन के इंतजार में उखड़ रही साँसें' शीर्षक से खबर का प्रकाशन इस संबंध में प्रशासन का ध्यान आकृष्ट कराया। था।


जानकारी के अनुसार स्वैच्छिक सेवानिवृत्ति लेने वाली कन्या माध्यमिक विद्यालय क्र. 3 की प्रधान पाठिका सुधा आप्टे अपने पति डॉ. श्रीकृष्ण आप्टे के साथ देवास चली गई थीं। श्रीमती आप्टे को प्रशासन व जिला कोषालय की ओर से पेंशन के दस्तावेज थमा दिए गए थे, परंतु पीपीओ (पेंशन पे आर्डर) रजिस्टर्ड डाक से भेजने की बात कही गई थी। 5 अगस्त को भेजी गई डाक साढ़े तीन माह के बावजूद देवास स्थित कोषालय तक नहीं पहुँच पाई।


कलेक्टर ने दिखाए तेवर

खबर प्रकाशन के बाद प्रकरण को कलेक्टर ने स्वयं संज्ञान में ले लिया। कुछ ही देर में जिला कोषालय और जिला डाकघर के मध्य समन्वय बन गया। इस प्रक्रिया में विद्यालय के लेखापाल उमराव कोचले की भूमिका अहम रही। उन्होंने जिला कोषालय कार्यालय के कर्मचारी मोहनसिंह गौड़ के साथ मिलकर डाक विभाग से आवश्यक दस्तावेज लिए और जिला कोषालय से पीपीओ तैयार करवाया। विशेष संदेशवाहक श्री कोचले के देवास पहुँचने पर आप्टे दंपति की आँखें छलछला गईं।