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Written By Naidunia
Last Modified: खरगोन , बुधवार, 7 सितम्बर 2011 (21:00 IST)

एजेंटी प्रथा बदस्तूर जारी

एजेंटी प्रथा बदस्तूर जारी -
गत माह हुए सेंधवा बस अग्निकांड के बाद मुख्यमंत्री शिवराजसिंह ने आनन-फानन में घटनास्थल का दौरा कर हादसे के मृतकों के परिजन को आर्थिक सहायता देने की घोषणा की। साथ ही प्रशासन को सख्त हिदायत दी कि भविष्य में इस तरह की घटना की पुनरावृति न हो इसके लिए सख्त कदम उठाएँ। इसके बाद प्रशासन ने एजेंटी प्रथा पर सख्ती से नकेल कसने के आश्वासन दिए। हादसे को बीते दो सप्ताह का समय हो चुका है, परंतु पुलिस और यातायात विभाग की नाक के नीचे मिनट-दर-मिनट गाड़ियों की आवाजाही की जंग जारी है। इन सबके बीच यात्री खुद को ठगा सा महसूस कर रहा है।


उल्लेखनीय है कि जिला मुख्यालय पर प्रतिदिन लगभग 400 यात्री बसों की आवाजाही होती है। इनमें हजारों यात्री सफर करते हैं। यहाँ से प्रदेशभर के विभिन्ना क्षेत्रों सहित गुजरात एवं महाराष्ट्र के यात्री भी सफर करते है।


50 से अधिक एजेंट सक्रिय

स्थानीय बस स्टैंड पर भी 50 से अधिक एजेंट सक्रिय हैं, जो विभिन्ना मार्गों पर चल रही यात्री बसों में यात्रियों को बैठाते हैं। प्रत्येक यात्री को बस में सवार करने के पीछे इनका सेवा शुल्क निश्चित होता है। कई बार यात्रियों को लेकर इन एजेंटों में झड़प भी हो जाती है। पूर्व में इस तरह के मामले प्रकाश में आते रहे हैं। बस स्टैंड क्षेत्र में यात्रियों के नजर आते ही यह एजेंट उनके पीछे लग जाते हैं। यहाँ तक की यात्रियों के हाथों से सामान तक छीनने का प्रयास करते हैं। इस स्थिति में यात्रियों विशेषकर महिलाओं को परेशानी का सामना करना पड़ता है।


वाहन मालिक खुद परेशान

बस आनर्स एसोसिएशन के अध्यक्ष शैलेन्द्र रघुवंशी की मानें तो वाहन मालिक खुद इस एजेंटी प्रथा से परेशान हैं। इसे बंद करने के लिए कई बार जवाबदारों के पास गुहार लगा चुके है। असल में कोई व्यक्ति कहनेभर के लिए बस मालिक हो सकता है। परंतु उसका संचालन उसके हाथ में न होकर बस स्टैंड के उन ठेकेदारों के हाथ में होता है जिन्हें एजेंट कहा जाता है। ये एजेंट ही तय करते है कि किस बस को कब और कैसे चलाना है। इस काम के लिए बकायदा उनका निर्धारित सेवा शुल्क भी होता है, जिसे वह दबंगई से ठोक बजाकर वसूलते है।


शिकायत करें, सख्त कार्रवाई होगी

यातायात थाना प्रभारी आनंदसिंह चौहान ने बताया कि एजेंटों पर लगातार कार्रवाई जारी है। जब भी कोई शिकायत आती है पुलिस तत्काल कार्रवाई करती रही है। इससे पहले भी कई एजेंटों पर जिलाबदर करने तक की कार्रवाई की गई है। उन्होंने कहा कि एजेंटी प्रथा पर पूर्णतः अंकुश लगाने के लिए बस मालिकों और यात्रियों को आगे आना होगा।