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Written By Naidunia
Last Modified: इंदौर , गुरुवार, 5 अप्रैल 2012 (14:39 IST)

आईआईटी में ब्रांच स्विचिंग से कम होगा तनाव

आईआईटी में ब्रांच स्विचिंग से कम होगा तनाव -
आईआईटी में सिलेक्शन के बाद अपनी पसंद की ब्रांच में जाने का मौका पाना आसान हो गया है। देश के सभी आईआईटी में विद्यार्थियों के लिए पहले दो सेमेस्टर में क्यूमेलेटिव परफॉर्मेंस इंडेक्स (सीपीआई) के आधार पर विद्यार्थियों को यह मौका दिया जाता है। इस प्रक्रिया के अब और ज्यादा आसान हो जाने से उन प्रतिभाशाली विद्यार्थियों को लाभ मिलेगा जो किन्हीं कारणों से जेईई में अच्छा स्कोर लाने से चूक जाते हैं। आईआईटी-बॉम्बे ने पिछले साल से ही 'ब्रांच स्विचिंग' को और आसान बनाने पर काम किया है। वहाँ की फैकल्टी का मानना है कि इससे विद्यार्थियों के मन में अपनी पसंद की ब्रांच न मिल पाने की निराशा नहीं रहेगी। फिर यह विद्यार्थियों की स्क्रीनिंग के लिए भी बहुत ज्यादा जरूरी है। नया नियम जेईई में अच्छे स्कोर के बजाय आईआईटी के पहले साल में अच्छे प्रदर्शन को महत्व देता है। इसके पहले तक कई अच्छे विद्यार्थी भी अच्छी ब्रांच पाने से चूक जाते थे। पहले ब्रांच चयन की सुविधा केवल जेईई के टॉप स्कोरर विद्यार्थियों को ही मिल पाती थी। अब यह सुविधा हर उस विद्यार्थी को मिल सकेगी जो पहले साल में अच्छा प्रदर्शन करता है।


जेईई रैंक और प्रदर्शन में होता है अंतर

यह व्यवस्था लागू करने से पहले संस्थान ने अपने यहाँ विद्यार्थियों का प्रदर्शन और उनकी जेईई रैंक दोनों के बीच तुलना की। इसमें दोनों में अंतर पाया गया। पहले दो सेमेस्टर में अच्छा प्रदर्शन करने वाले विद्यार्थियों का जेईई स्कोर कम था। स्विचिंग को लेकर पहले एक बड़ी परेशानी यह भी थी कि हर ब्रांच में एडमिशन संख्या तय होती थी, लेकिन नए नियम के मुताबिक अब योग्य विद्यार्थी मिलने पर 10 प्रतिशत सीट किसी भी ब्रांच में बढ़ाई जा सकती है। सामान्य वर्ग के विद्यार्थियों के लिए इसके 9 से ऊपर रहने की संभावना है जबकि आरक्षित वर्ग के विद्यार्थियों के लिए यह करीब 8 होगी।


विदेशी विश्वविद्यालय से प्रेरित

सिलेक्शन के बाद विद्यार्थियों को उनकी पसंद की ब्रांच में पढ़ने का विचार विदेशी विश्वविद्यालय से आया है। वहाँ विद्यार्थियों की रुचि को ज्यादा महत्व दिया जाता है और इसीलिए उच्च शिक्षा संस्थानों में इसे लागू किया गया है। इससे सकारात्मक नतीजों की उम्मीद है।


इंदौर में 15 प्रतिशत तक स्विच कर सकते हैं

आईआईटी इंदौर में फर्स्ट इयर के सीपीआई के आधार पर करीब 15 प्रतिशत विद्यार्थी अपनी पसंद की ब्रांच के लिए स्विच कर सकते हैं। लेकिन किसी भी ब्रांच में एडमिशन 85 प्रतिशत से नीचे नहीं आना चाहिए। हम आईआईटी शुरू होने से इस नियम का पालन कर रहे हैं। इससे प्रतिभाशाली विद्यार्थियों को फायदा ही हुआ है।


- प्रो. निलेश कुमार

डीन, एकेडेमिक्स इंदौर