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Written By Naidunia
Last Modified: ग्वालियर , शुक्रवार, 10 फ़रवरी 2012 (10:50 IST)

सात वर्षीय अंशुमन नहीं दे पाएगा हाईस्कूल परीक्षा हाईकोर्ट ने की याचिका निरस्त विभाग ने नहीं माना कक्षा दस के योग्य - प

सात वर्षीय अंशुमन नहीं दे पाएगा हाईस्कूल परीक्षा हाईकोर्ट ने की याचिका निरस्त विभाग ने नहीं माना कक्षा दस के योग्य - प -
सात वर्षीय अंशुमन सिंह कक्षा दस की परीक्षा नहीं दे पाएगा। इस मामले में अंशुमन के पिता की ओर से हाईकोर्ट में दाखिल याचिका को आज खारिज कर दिया गया। हाईकोर्ट ने इस मामले में स्कूली शिक्षा विभाग से विद्यार्थी का एक्सपर्ट पैनल से परीक्षण कराया था। पैनल की रिपोर्ट पर ही छात्र को कक्षा दस में बैठाया जाना उचित नहीं माना गया।


ज्ञातव्य होगा कि छात्र अंशुमन सिंह तोमर के पिता संतोष सिंह तोमर ने अपने पुत्र को सीधे कक्षा दस की परीक्षा में बैठाए जाने की मांग को लेकर एक याचिका हाईकोर्ट में दाखिल की थी। गत दिवस इस याचिका की सुनवाई न्यायमूर्ति एनके मोदी ने की थी। श्री मोदी ने इस मामले में विभाग से उसका पक्ष जानने के बाद निर्देश दिए कि वह इस विद्यार्थी के बौद्धिक स्तर को जांचें। न्यायालय के निर्देश पर गत दिवस ही विभाग ने एक छह सदस्यीय पैनल गठित कर दिया था। इस पैनल के छह सदस्यों ने कक्षा नौ के स्तर के दो-दो सवाल हर विषय से पूछे थे। इस लिखित परीक्षण की रिपोर्ट को आज न्यायमूर्ति श्री मोदी के समक्ष शासकीय अधिवक्ता श्रीमती संगीता पचौरी ने पेश किया।


उभय पक्ष की सुनवाई के दौरान यह बात सामने निकलकर आई कि विद्यार्थी जन्मजात ही होशियार है। इस विद्यार्थी का बौद्धिक स्तर भी समान उम्र के विद्यार्थियों से कई गुना श्रेष्ठ है। लेकिन इतना सब होने पर भी वह कक्षा दस के लिए योग्य नहीं है। मामले में जिला शिक्षाधिकारी ने यह भी कहा कि उक्त विद्यार्थी को कक्षा दस में दाखिला दिलाया जाना, उसके भविष्य के लिए भी बेहतर नहीं होगा।