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कूड़े की ढेर में कलाकृतियांॅ

रायपुर| Naidunia| Last Modified मंगलवार, 17 जनवरी 2012 (01:12 IST)
राजधानी के महंत घासीदास संग्रहालय परिसर का बुरा हाल है। यहांॅ लाखों खर्च कर बनाई गई कई हस्तशिल्प कूड़े के ढेर में तब्दील हो रहा हैं। अनेकों कलाकृतियों में जंग लग गई है। इसके जिम्मेदारों को अव्यवस्था नजर नहीं आ रही हैं। वहीं साफ-सफाई के अभाव में लोग वहांॅ जाने से भी कतरा रहे हैं।


एक तरफ जहांॅ राज्य की पुरातत्व एवं संस्कृति को बढ़ावा देने के लिए सरकार हर साल करोड़ों खर्च कर रही है। वहीं दूसरी तरफ राजधानी स्थित महंत घासीदास संग्रहालय परिसर का ही हाल-बेहाल हो रहा है। वह भी तब, जब संग्रहालय परिसर में ही पुरातत्व एवं संस्कृति विभाग का संचालनालय स्थित है। जहांॅ पर विभाग के तमाम आला अधिकारियों के दफ्तर है।


0 बस्तर आर्ट में लगी जंग

संग्रहालय परिसर में स्थित गार्डन व जगार परिसर के चारों तरफ राड आयरन से बनी बस्तर आर्ट कलाकृतियांॅ लगाई गई। लाखों खर्च कर बनाई गई इन कलाकृतियों में जंग लग रही हैं। जंग की वजह से ज्यादातर कलाकृतियांॅ खराब हो गई हैं।


0 संगीत संग्रहालय में ताला

पुरातत्व संग्रहालय परिसर से लगे जगार परिसर में वाद्य यंत्रों को सहेजने के लिए संगीत संग्रहालय बनाई गई है। इसका उद्घाटन वर्ष 2005 में संस्कृति मंत्री बृजमोहन अग्रवाल के हाथों हुआ था। लाखों खर्च बनाई गई संगीत संग्रहालय जर्जर हो गई है। वहीं इसमें तालाबंदी की वजह से लोग संगीत के अनेक वाद्य यंत्रों से रूबरू नहीं हो पा रहे हैं।


0 खराब पड़ा है फव्वारा

संग्रहालय के गार्डन व जगार परिसर में लाखों खर्च कर तीन फव्वारा लगाई गई। इसमें से दो फव्वारा अरसे से बंद पड़ा हुआ है। वहीं मेंटेनेंस के अभाव में फव्वारा सड़ रहा है। इसके साथ ही प्रकाश सज्जा के लिए लगाई गई लाइटें भी खराब हो गई है।


0 जगार गार्डन बना घूरा

जगार परिसर में बनाई गई बस्तर गार्डन घूरे में तब्दील हो गया है। संग्रहालय परिसर के कचरे को यहीं डाला जा रहा है। वहीं कचरे के साथ लाखों खर्च कर बनाई गई जगार गार्डन की कलाकृतियांॅ भी जला दी जा रही हैं।


0 कचरे में काष्ठ शिल्प

कुछ साल पहले बस्तर के काष्ठ शिल्पियों से अनेक काष्ठ कलाकृतियांॅ बनाई गई थी। लाखों खर्च कर बनवाई गई कई कलाकृतियांॅ सड़ चुकी है। वहीं जिम्मेदारों की लापरवाही के चलते कई काष्ठ कलाकृतियांॅ कचरे में ढेर में पड़े हुए हैं।

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