गुरुवार, 25 अप्रैल 2024
  • Webdunia Deals
  1. लाइफ स्‍टाइल
  2. »
  3. उर्दू साहित्‍य
  4. »
  5. आज का शेर
Written By WD

ऐ ज़ौके नज़ारा तेरा अल्लाह निगहबां

ऐ ज़ौके नज़ारा तेरा अल्लाह निगहबां -
ऐ ज़ौके नज़ारा तेरा अल्लाह निगहबां
आज उनको संवरने में बड़ी देर लगी है
शादां इंदौरी (मरहूम)

अर्थ -शेर का मतलब है ऐ देखने के मज़े तुझे तो भगवान ही बचाए क्योंकि आज वो बहुत देर तक बने-सँवरे हैं। ज़ौक शब्द के यूँ तो कई अर्थ हैं जैसे -स्वाद, मज़ा, रसानुभव, शौक ....। यहाँ अर्थ है देखने का आनंद। ज़ौके नज़ारा यानी देखने का आनंद। नज़ारा अर्थात देखना। निगाहबान यानी देख-रेख संरक्षण। निगहबान भी ठीक है और निगहबां भी।

उर्दू शायरी में कुछ शब्दों को अपने मन से, छंद के अनुरूप अलग-अलग ढंग से इस्तेमाल करने की छूट है। जैसे आसमान को आसमां, परेशान को परेशां, ज़मीन को ज़मीं। इसीलिए निगाहबान को निगहबां कर लिया गया है। शादां साहब इंदौर के उस्ताद शायरों में से थे। उनके बहुत से शागिर्द आज भी मौजूद है।