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Written By वार्ता

महिला रिकर्व तीरंदाजों को सोना

Commonwealth Games 2010 Hindi, CWG archery gold | महिला रिकर्व तीरंदाजों को सोना
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भारत की महिला रिकर्व टीम ने ऐतिहासिक प्रदर्शन करते हुए इंग्लैंड को बेहद करीबी मुकाबले में मात्र एक अंक से हराकर 19वें कॉमनवेल्थ गेम्स में तीरंदाजी प्रतियोगिता का पहला स्वर्ण पदक अपनी झोली में समेट लिया लेकिन सोने के तमगे की प्रबल दावेदार मानी जा रही पुरुष टीम को काँसे से ही संतोष करना पड़ा।

डोला बनर्जी, दीपिका कुमारी और बोम्बाल्या देवी की टीम ने यमुना खेल परिसर के तीरंदाजी स्टेडिमय में तिरंगा बुलंद करते हुए इंग्लैंड की नाओमी फोकार्ड, एमी ओलिवर और एलिसन विलियम्सन की टीम को 207-206 से जीता। कनाडा ने मलेशिया को बडी आसानी से 202-192 से हराकर काँस्य पदक अपने नाम किया।

पुरुष रिकर्व टीम से सभी को स्वर्ण पदक की उम्मीद थी लेकिन टीम ने खासा निराश किया और सेमीफाइनल में ऑस्ट्रेलिया से 211-216 से हार गई। राहुल बनर्जी, तरुणदीप राय और जयंत तालुकदार की टीम ने सेमीफाइनल की हार की निराशा से उबरते हुए फिर इंग्लैंड के लैरी गाडफ्रे, साइमन डंकन और एलेन जेम्स की टीम को 221-218 से हराकर काँस्य पदक जीत लिया। भारत के तीरंदाजी में अब चार पदक हो गए हैं जिनमें एक स्वर्ण, एक रजत और काँस्य शामिल हैं।

भारतीय महिला टीम आखिरी राउंड तक स्वर्ण की होड में पिछडी हुई थी, लेकिन आखिरी राउंड में भारतीय समर्थकों के समर्थन के दम पर महिला तीरंदाजों ने सटीक निशाने साध दिए जबकि इंग्लैंड की तीरंदाजों के निशाने भटक गए। डोला ने आखिरी ऐरो परफे क्ट टैन मारा जबकि एमी ओलिवर ने दबाव में आकर छह का ऐरो मार दिया।

विलियम्सन पर परफेक्ट टैन का ऐरो मारने का दबाव आ गया लेकिन वह आठ का स्कोर ही कर सकीं। दोनों टीम के स्कोर के बीच एक अंक के अंतर ने भारतीय तीरंदाजों के लिए नया इतिहास बना दिया। हालाँकि 207 का स्कोर विश्वस्तर के लिहाज से अच्छा नहीं कहा जा सकता। मगर स्वर्ण की चमक से भारतीय महिला तीरंदाजों के चेहरे खिल उठे।

आखिरी राउंड तक इंग्लैंड की टीम भारत से आगे चल रही थी लेकिन अंतिम तीन ऐरो में भारत के तीरंदाजों ने नौ नौ और दस का स्कोर किया, जबकि इंग्लिश तीरंदाज नौ छह और आठ का स्कोर कर सके। यहीं पर इंग्लिश टीम के हाथों से स्वर्ण पदक फिसल कर भारत की झोली में आ गया।

इस राउंड के आने तक भारतीय समर्थकों का जोश आसमान छू रहा था और भारत माता की जय के लग रहे नारों ने इंग्लिश टीम को दबाव में ला दिया जबकि भारतीय तीरंदाजों ने स्वर्ण पर निशाना साध दिया।

महिला रिकर्व टीम ने इससे पहले सुबह हुए सेमीफाइनल में मलेशिया को एकतरफा मुकाबले में 213-185 से रौद दिया था। दूसरे सेमीफाइनल में इंग्लैंड ने कनाडा को 208-200 से हराया था।

सेमीफाइनल में मिली शानदार जीत से उत्साहित होते हुए भारतीय तिकडी ने इंग्लैंड की कडी चुनौती पर एक अंक के मामूली अंतर से काबू पा लिया। भारत और इंग्लैंड की तीरंदाजों के बीच साँसों को रोक देने वाला रोमांचक मुकाबला हुआ। तीरंदाजी स्टेडियम भारतीय महिला तीरंदाजों के स्वर्ण पदक की पहले से ही उम्मीद होने के कारण खचाखच भरा हुआ था।

दर्शकों को दोपहर में पुरुष टीम से भी स्वर्ण की उम्मीद थी लेकिन टीम ने निराश किया और उन्हें काँस्य से ही संतोष करना पड़ा। काँस्य पदक के लिए हुए मुकाबले में भारतीय टीम ने इंग्लैंड को 221-218 से हराया इस मुकाबले में भारतीय टीम पहले राउंड में 55-50 से आगे रही लेकिन दूसरे और तीसरे राउंड में इंग्लैंड ने 56-54 और 58-57 से आगे रहकर मुकाबले में वापसी करने की कोशिश की।

तीन राउंड के बाद इंग्लिश टीम भारत से दो अंक से पीछे थी। चौथे और आखिरी राउंड में भारत ने 55-54 से मैच और काँस्य पदक जीत लिया। स्वर्ण पदक के मुकाबले में ऑस्ट्रेलिया ने बड़ी आसानी से मलेशिया को 219 -212 से हरा दिया। मलेशिया को रजत पदक से संतोष करना पड़ा। (वार्ता)