Last Modified: नई दिल्ली (वार्ता) ,
मंगलवार, 1 सितम्बर 2009 (17:06 IST)
गिल फार्मूला वन पर अपने बयान पर अडिग
बेल्जियम ग्रां.प्री. में फार्मूला वन टीम फोर्स इंडिया की जबर्दस्त सफलता के बावजूद केन्द्रीय खेल मंत्री एमएस गिल अपने इस बयान पर अडिग हैं कि फार्मूला वन यह कोई खेल नहीं बल्कि मनोरंजन का महँगा साधन मात्र है।
गिल ने कहा कि मैं अब भी अपने पुराने रूख पर कायम हूँ कि फार्मूला वन खेल नहीं है। मैं फोर्स इंडिया को जीत के लिए बधाई देता हूँ लेकिन इस संबंध में हमारी राय नहीं बदली है। पश्चिमी देशों में भी फार्मूला वन सबसे महँगा मनोरंजन है।
उन्होंने कहा कि फार्मूला वन में शारीरिक कौशल से ज्यादा तकनीक का महत्व है। मैं इसे खेल नहीं मानता हूँ इसलिए इसको बढावा देने का कोई मतलब ही नहीं है। इसमें जिस तकनीक का इस्तेमाल होता है हम अभी उससे कोसों दूर हैं, इसलिए हमारा ध्यान केवल भारतीय खेलों को बढ़ावा देने पर है। फार्मूला वन के आयोजक यहाँ अपना धंधा जमाना चाहते हैं लेकिन फोर्स इंडिया के मालिक और जाने-माने उद्योगपति विजय माल्या खेल मंत्री की इस राय से कतई इत्तेफाक नहीं रखते हैं।
माल्या ने एक निजी टेलीविजन चैनल से कहा कि भारत में फार्मूला वन की लोकप्रियता दिन ब दिन बढ़ती जा रही है। विशेषकर युवाओं में इसे लेकर काफी उत्साह है। यह संभवतः दुनिया में सर्वाधिक देखे जाने वाला खेल है। ओलिम्पिक और फुटबॉल के बाद यह टीवी दर्शकों का सबसे पसंदीदा खेल है।
उल्लेखनीय है कि फोर्स इंडिया के ड्राइवर इटली के गिएनकार्लो फिशिचेला ने कल बेल्जियन ग्रां.प्री. दूसरा स्थान हासिल करते हुए फार्मूला वन रेस में टीम का खाता खोल दिया था। इस जीत से टीम को आठ अंक मिले। इस दौरान माल्या भी टीम का उत्साह बढ़ाने के लिए वहाँ मौजूद थे।
गिल ने कुछ दिन पहले कहा था कि फार्मूला वन एक व्यावसायिक गतिविधि है और इसे खेल का दर्जा नहीं दिया जा सकता। उन्होंने कहा था कि फार्मूला वन असल में एक विशुद्ध खेल न होकर मनोरंजक और व्यावसायिक गतिविधि है और भारत में इसकी कोई लोकप्रियता नहीं है। उन्होंने इसे अनुदान देने की माँग को भी सिरे से खारिज कर दिया।