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Written By भाषा
Last Modified: सिडनी (भाषा) , गुरुवार, 1 अक्टूबर 2009 (19:07 IST)

एथलीटों को सुरक्षा की गारंटी नहीं

एथलीटों को सुरक्षा की गारंटी नहीं -
ऑस्ट्रेलिया के राष्ट्रमंडल खेलों के प्रमुख ने कहा कि वे अगले महीने नई दिल्ली में होने वाले खेलों में अपने देशों के एथलीटों की सुरक्षा की गारंटी नहीं दे सकते और वे यह फैसला उन पर छोड़ते हैं कि वे खेलों में हिस्सा लेना चाहते हैं या नहीं।

पिछले साल नवंबर में मुंबई में आतंकी हमलों के बाद आयोजकों ने अगले साल तीन से 14 अक्टूबर तक होने वाले खेलों को सुरक्षित बनाने के लिए अतिरिक्त संसाधनों को उपयोग किया है। इसके बावजूद प्रतियोगिता पर इस धारणा का साया है कि भारत असुरक्षित है।

ऑस्ट्रेलिया मई में चेन्नई में होने वाले डेविस कप टेनिस टूर्नामेंट से हट गया था जबकि इंग्लैंड भी अगस्त में विश्व बैडमिंटन चैम्पियनशिप से हट गया था।

ऑस्ट्रेलिया और इंग्लैंड भारत की राजधानी में अगले साल होने वाली प्रतियोगिता की अहम टीमें हैं।

आस्ट्रेलिया राष्ट्रमंडल खेल संघ ने सभी 18 खेलों के प्रतिनिधियों के साथ बैठक की है और संघ प्रमुख पैरी क्रासवाइट ने कहा है कि इनमें से किसी ने भी नई दिल्ली में होने वाले खेलों में हिस्सा नहीं लेने के बारे में नहीं सोचा।

ऑस्ट्रेलियाई खेलों के कुछ बड़े नामों के इन खेलों में हिस्सा लेने की संभावना है जिसमें तैराक स्टेफनी राइस और लिसेल जोन्स, ट्रैक एवं फील्ड के स्टार स्टीव हूकर और जाना रोलिनसन, साइकिलिस्ट कैडेल इवान्स और अन्ना मियारेस तथा टेनिस खिलाड़ी लेटन हेविट और समंथा स्टोसुर शामिल हैं।

क्रासवाइट ने कहा कि हमने सभी खेल संघों को कह दिया है कि प्रतियोगिता में एथलीटों को भेजने या नहीं भेजने का फैसला उनका होगा। उन्होंने कहा, कि अगर उनमें से कुछ सोचते हैं कि यह सुरक्षित नहीं होगा तो वे यह फैसला कर सकते हैं। हम किसी की सुरक्षा की गारंटी नहीं ले सकते।

हाल में राष्ट्रमंडल खेल महासंघ के प्रमुख माइकल फेनेल ने खेलों की तैयारियों पर चिंता जताई थी। क्रासवाइट ने कहा कि अब देखना होगा कि भारत अक्टूबर की शुरुआत में नई दिल्ली में होने वाली सीजीएफ असेंबली में इस आलोचना पर क्या प्रतिक्रिया देता है।