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Written By वार्ता

'करियर ग्रैंड स्लैम' पूरा करने उतरेंगी शारापोवा

''करियर ग्रैंड स्लैम'' पूरा करने उतरेंगी शारापोवा -
PTI
रूस की मारिया शारापोवा ने फ्रेंच ओपन में फाइनल में पहुंचने के साथ ही अगले सप्ताह जारी होने वाली विश्व रैंकिंग में अपना शीर्ष स्थान सुनिश्चित कर लिया है और अब उनकी नजर शनिवार को खिताबी मुकाबले में इटली की सारा इरानी को हराकर अपना करियर ग्रैंड स्लैम पूरा करने पर है

'साइबेरियन साइरन' के नाम से मशहूर शारापोवा ने सेमीफाइनल में विंबलडन चैंपियन चेक गणराज्य की पेत्रा क्वितोवा को 6-3, 6-3 से हराकर फ्रेंच ओपन के फाइनल में जगह बनाई। अब एक जीत उन्हें पहली बार फ्रेंच ओपन चैंपियन बनाने के साथ-साथ उनका करियर ग्रैंड स्लैम भी पूरा कर देगी। रूसी खिलाड़ी ने 2004 में विंबलडन, 2006 में यूएस ओपन और 2008 में ऑस्ट्रेलियन ओपन जीता था।

वर्ष 2005 से 2008 के बीच 17 सप्ताह तक नंबर एक रहीं शारापोवा कंधे की चोट के कारण तीन साल पहले 126वें स्थान पर पहुंच गई थीं और ऐसा लग रहा था कि उनका करियर खत्म हो जाएगा। लेकिन रूसी सुंदरी ने शानदार वापसी करते हुए अपना नंबर वन का ताज वापस हासिल कर लिया।

शारापोवा ने कहा मैंने पहली बार चार साल की उम्र में टेनिस खेलना शुरू किया था। मैं पूरी तरह इस खेल के प्रति समर्पित हूं। जब कुछ समय के लिए मैं कोर्ट से दूर हो गयी थी तब मुझे इस बात का एहसास हुआ था कि इस खेल के मेरे लिए क्या मायने हैं।

क्ले कोर्ट पर शारापोवा इससे पहले कभी भी खुद को सहज महसूस नहीं कर पाई और इस सतह पर अपनी तुलना. बर्फ पर गाय. से की थी1 लेकिन अब उन्होंने खुद को इस सतह के अनुरूप ढाल लिया है और इस वर्ष क्ले कोर्ट पर उनका जीत-हार का रिकॉर्ड 17-1 है।

उन्होंने कहा 'रोलां गैरो में यह मेरा पहला फाइनल है। कुछ साल पहले तक कोई भी इसकी कल्पना नहीं कर सकता था लेकिन मैंने इस मुकाम तक पहुंचने के लिए बहुत मेहनत की है। मैं नहीं जानती थी कि मैं इसके लिए शारीरिक रूप से तैयार थी या नहीं।'

पहली बार फ्रेंच ओपन जीतने और अपना करियर ग्रैंड स्लैम पूरा करने के लिए छह फुट दो इंच की शारापोवा के सामने इटली नई सनसनी पांच फुट चार इंच कद की सारा इरानी की चुनौती है। सेमीफाइनल में यूएस ओपन चैंपियन ऑस्ट्रेलिया की सामंता तोसुर को हराकर पहली बार किसी ग्रैंड स्लैम टूर्नामेंट के फाइनल में पहुंची इतालवी खिलाड़ी के हौसले बुलंद हैं।

दोनों खिलाड़ियों के आंकड़ों पर नजर डाली जाए तो शारापोवा का ही पलड़ा भारी दिखता है। अंकों के गणित के लिहाज से भी देखा जाए तो शारापोवा ने जो अपने पिछले तीन ग्रैंड स्लैम खिताब जिन वर्षों में जीते थे, उनकी अंतिम संख्या सम संख्या थी। इस हिसाब से वर्ष 2012 की अंतिम संख्या भी सम संख्या आती है, जिससे उनके करियर ग्रैंड स्लैम पूरा करने का योग बनता दिखाई दे रहा है। (वार्ता)