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Written By वार्ता
Last Modified: मियामी (अमेरिका) , रविवार, 1 अप्रैल 2012 (18:22 IST)

रदवांस्का ने जीता करियर का पहला बडा खिताब

रदवांस्का ने जीता करियर का पहला बडा खिताब -
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पांचवीं सीड पोलैंड की एग्निस्जका रदवांस्का ने विश्व की पूर्व नंबर एक खिलाड़ी रूस की मारिया शारापोवा को शनिवार को यहां मियामी ओपन टेनिस टूर्नामेंट में महिला एकल फाइनल में 7-5, 6-4 से उलटफेर का शिकार बनाते हुए करियर का अपना पहला बड़ा खिताब जीत लिया।

23 वर्षीय रदवांस्का ने फाइनल में सभी तीनों ब्रेक अंक बचाए और दोनों सेटों के अंत में शारापोवा की सर्विस भंग करते हुए एक घंटे और 44 मिनट में जीत दर्ज करते हुए खिताब पर कब्जा कर लिया। उनकी रूसी खिलाड़ी के खिलाफ सात मैचों में यह पहली जीत है। रदवांस्का ने पूरे टूर्नामेंट में एक भी सेट नहीं गंवाया। यह उनके करियर का नौवां खिताब है।

रदवांस्का यह खिताब जीतने वाले पोलैंड की पहली खिलाड़ी हैं। इस सत्र में यह उनका दूसरा खिताब है। इससे पहले उन्होंने दुबई में खिताब जीता था। साथ ही उन्होंने इस सत्र में अपनी जीतहार का रिकॉर्ड 26-4 कर लिया। दिलचस्प है कि इस सत्र में उन्हें चारों बार विश्व की नंबर एक खिलाड़ी बेलारूस की विक्टोरिया अजारेंका के हाथों की हार का सामना करना पड़ा है।

तीन बार की ग्रैंड स्लैम विजेता शारापोवा एक बार फिर यहां खिताबी मुकाबले में हारने की प्रेतबाधा को तोड़ने में नाकाम रहीं और उन्हें चौथी बार उपविजेता ट्रॉफी से संतोष करना पड़ा। रूसी खिलाड़ी को इससे पहले 2005, 2006 और 2011 में यहां फाइनल में हार का सामना करना पड़ा था।

शारापोवा कुल 40वें और इस सत्र में तीसरी बार फाइनल में पहुंची थीं। वह सत्र के पहले और कुल 25वें खिताब के लिए खेल रही थीं लेकिन उन्हें एक बार फिर निराशा हाथ लगी। शारापोवा को इससे पहले इस सत्र में ऑस्ट्रेलियन ओपन और इंडियन वेल्स के फाइनल में अजारेंका के हाथों शिकस्त का सामना करना पड़ा था।

खिताब जीतने के बाद रदवांस्का ने कहा मैंने आज वास्तव में शुरू से आखिर तक अच्छा प्रदर्शन किया। मैं अपनी सर्विस पर ध्यान केन्द्रित कर रही थी और मुझे खुशी है कि मैंने अपनी सर्विस नहीं गंवाई। यह मेरे जीत की कुंजी रही। आज हर चीज मेरे पक्ष में रही। आपको टूर्नामेंट जीतने के लिए छह मैच जीतने थे और मुझे खुशी है कि मैं ऐसा करने में सफल रही।

दूसरी तरफ शारापोवा ने भी रदवांस्का की तारीफ करते हुए कहा रदवांस्का ने आज अच्छा खेल दिखाया और बेजा गलतियां नहीं की। मैं ब्रेक अंक भुनाने में नाकाम रही और मैंने कुछ गलतियां भी कीं। इंडियन वेल्स और मियामी हमेशा से कठिन टूर्नामेंट रहे हैं क्योंकि दोनों के बीच में समय बिल्कुल नहीं होता है। मुझे खुशी है कि मैं फाइनल तक पहुंची लेकिन मैं टूर्नामेंट जीतती तो मुझे ज्यादा खुशी होती। (वार्ता)