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Written By वार्ता
Last Modified: नई दिल्ली (वार्ता) , रविवार, 14 अक्टूबर 2007 (17:51 IST)

बीएसई एनएसई में रिकॉर्ड वृद्धि

बीएसई एनएसई में रिकॉर्ड वृद्धि -
विदेशी संस्थागत निवेशकों की ओर से भारी लिवाली की बदौलत बंबई स्टॉक एक्सचेंज (बीएसई) के संवेदी सूचकांक सेंसेक्स और नेशनल स्टॉक एक्सचेंज (एनएसई) के निफ्टी सूचकांक ने शुक्रवार को समाप्त हुए कारोबारी सप्ताह में ऊँचाई के रिकॉर्डों की झड़ी लगा दी और सेंसेक्स ने 18 हजार अंक को भी पार कर नया इतिहास रच डाला।

बाजार के जानकारों ने इतनी तेजी के बाद तकनीकी सुधार से इनकार नहीं किया, लेकिन उनका मानना है कि कंपनियों के चालू वित्त वर्ष की दूसरी तिमाही के आने वाले नतीजों पर उनके समूह के शेयर भाव निर्भर रह सकते हैं।

सीमेंट, दूरसंचार और इस्पात कंपनियों के अच्छे नतीजे आने की संभावना व्यक्त की जा रही है। अमेर‍िकी फेड के ब्याज दरों में कटौती से नगदी की प्रचुरता के कारण विदेशी संस्थागत निवेशकों की ओर से धन प्रवाह की गति तेज बनी रह सकती है। अंतरराष्ट्रीय बाजारों में उछाल मार रही कच्चे तेल की कीमतों से भी शेयर बाजार प्रभावित हो सकते हैं। शुक्रवार को कच्चा तेल 84 डॉलर प्रति बैरल से ऊपर नए रिकॉर्ड पर पहुँच गया था।

सेंसेक्स ने समाप्त हुए कारोबारी सप्ताह में कुल 645.68 अंक और नेशनल स्टॉक एक्सचेंज के निफ्टी सूचकांक ने 242.40 अंक की बढ़त ली। मंगलवार से गुरुवार तक लगातार तीन दिन सेंसेक्स ने एक के बाद एक नए रिकॉर्ड बनाए।

सोमवार को राजनीतिक अनिश्चितता बढ़ने से शेयर बाजारों में तीव्र उतार चढ़ाव के बीच भारी गिरावट दर्ज की गई। सेंसेक्स ने 282 अंक और निफ्टी ने 101 अंक की डुबकी लगाई। अमेर‍िका के साथ परमाणु समझौते के विरोधियों को आड़े लेते हुए संप्रग की अध्यक्ष सोनिया गाँधी ने हरियाणा में दिए गए अपने भाषण में कड़े तेवर अपनाए, जिससे राजनीतिक अनिश्चितता एक बार फिर से गहरा गई।

वामपंथी दलों ने भी गाँधी के वक्तव्य के बाद फिर से कड़े तेवर अपनाने लिए। हालाँकि बाजार सत्र की शुरुआत में करीब 125 अंक ऊपर 17901.94 अंक पर खुला, लेकिन 18000 अंक के निकट 17982.59 अंक तक पहुँचकर फिसल गया। सेंसेक्स 1.94 प्रतिशत नीचे 17491.39 अंक पर बंद हुआ। निफ्टी 100.75 अंक अर्थात 1.94 प्रतिशत टूटकर 5085.10 अंक रहा।

अगले दिन परमाणु समझौते को लेकर संप्रग सरकार पर संकट के बादल फिलहाल छँट जाने से शेयर बाजारों ने नया इतिहास रच डाला। सेंसेक्स 790 और निफ्टी 242 अंक की एक दिन की सर्वाधिक बढ़त के साथ नई ऊँचाइयों पर पहुँच गए।

संप्रग और वामदलों के बीच परमाणु समझौते पर तल्खी के बावजूद बातचीत का सिलसिला आगे जारी रखने पर सहमत हो जाने के फैसले को शेयर बाजारों ने लपक लिया और ऐसी दौड़ लगाई कि तेजी के पिछले सारे रिकॉर्ड ध्वस्त हो गई। सेंसेक्स ने 17 से 18 हजार की ऊँचाई पर पहुँचने के लिए मात्र आठ कारोबारी दिवसों का सहारा लिया और कारोबार के दौरान 18327.42 अंक का रिकॉर्ड बनाने के बाद कुल 788.85 अंक अर्थात 4.51 प्रतिशत की बढ़त से 18280.24 अंक के नए रिकॉर्ड पर बंद हुआ। निफ्टी 5348.70 अंक की ऊँचाई छूने के बाद समाप्ति पर गत दिवस के 5085.10 अंक की तुलना में 242.15 अंक अर्थात 4.76 प्रतिशत की रिकॉर्ड तोड़ तेजी के साथ 5327.25 अंक पर पहुँच गया।

बुधवार का बैंकिंग धातु, सूचना प्रौद्योगिकी और इंजीनियरिंग क्षेत्र के शेयरों को मिले जोरदार समर्थन से देश के शेयर बाजारों ने लंबी छलांग और नई ऊँचाई का रिकॉर्ड बनाने का सिलसिला जारी रखा। सेंसेक्स 378.01 अंक और निफ्टी 114.20 अंक की बढ़त से नए स्तर पर पहुँच गए।

सेंसेक्स कारोबार के शुरू में एक दिन पहले के 18280.24 अंक की तुलना में करीब 200 अंक ऊपर 18473.43 अंक पर खुला और करीब सवा दो सौ अंक और चढ़ने के बाद 18703.67 अंक तक जाने के बाद समाप्ति पर कुल 378.01 अंक अर्थात 2.07 प्रतिशत से बढ़कर 18658.25 अंक के नए रिकॉर्ड पर बंद हुआ। निफ्टी 5454.70 की ऊँचाई को छूने के बाद समाप्ति पर 114.20 अंक अर्थात 2.14 प्रतिशत से बढ़कर 5441.25 अंक पर बंद हुआ।

गुरुवार को अग्रणी सॉफ्टवेयर कंपनी इंफोसिस टेक्नोलॉजीस के तिमाही नतीजे बाजार के मनमाफिक नहीं आने और इसके शेयरों में भारी बिकवाली के बावजूद देश के शेयर बाजारों ने अपनी रिकॉर्ड भेदी उड़ान लगातार तीसरे दिन जारी रखी।

सेंसेक्स 155.82 और निफ्टी 83.40 अंक की छलांग के साथ नए स्तर पर बंद हुआ। सेंसेक्स सत्र की समाप्ति पर 18814.07 अंक तथा निफ्टी 5524.85 अंक के नए शिखर पर पहुँच गया।

कारोबारी सप्ताह के अंतिम दिन शुक्रवार को वित्तमंत्री पी. चिदंबरम द्वारा स्टॉक मार्किट में अत्यधिक तेजी को लेकर चिंता व्यक्त किए जाने के बाद देश के शेयर बाजारों की पिछले तीन दिनों से जारी रिकॉर्ड तोड़ उड़ान पर ब्रेक लग गया।

भारी बिकवाली के दबाव से सेंसेक्स 395 अंक और निफ्टी सूचकांक 97 अंक लुढ़क गया। रिलायंस जैसी कंपनियों के शेयरों में भारी गिरावट का शेयर बाजारों को लुढ़काने में बड़ा हाथ रहा। पूँजीगत सामान बनाने वाली और बैंकिंग कंपनियों के शेयरों में सबसे ज्यादा बिकवाली रही। धातु को छोड़ अन्य सभी कंपनी वर्गों के शेयर सूचकांक नीचे आ गए।

सेंसेक्स सत्र की समाप्ति पर 395.03 अंक यानी 2.10 प्रतिशत गिरकर 18419.04 अंक पर बंद हुआ। निफ्टी 95.60 अंक यानी 1.75 प्रतिशत नीचे आकर 5428.25 अंक पर टिका।