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Written By WD

आम बजट तय करेगा शेयर बाजार की चाल

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कमल शर्मा

भारतीय शेयर बाजार के लिए सोमवार 6 जुलाई का दिन बेहद अहम है। आम बजट वाला यह दिन घरेलू शेयर बाजार की अगली चाल तय करेगा और यह भी पता चल जाएगा कि यदि तेजी की चाल आती है तो कौन-कौन से सेक्‍टर निवेशकों के लिए मध्‍यम से लंबी अवधि के लिए फायदेमंद साबित होंगे और यदि बाजार गिरता है तो किन सेक्‍टरों से बचना चाहिए। हालाँकि, लंबी अवधि की दृष्टि से देखें तो आज किए जाने वाले कड़े निर्णय भी मीठे साबित हो सकते हैं। देश की अर्थव्‍यवस्‍था को बचाने और उसे गति देने के लिए काफी कुछ मरम्‍मत की जरूरत पड़ेगी।

वेबदुनिया में पिछले दिनों शेयर बाजार की रिपोर्ट में भारतीय उपमहाद्धीप की बदल रही स्थिति का जिक्र किया था कि श्रीलंका, पाकिस्‍तान और भारत में ऐसे कारक बन रहे हैं कि आने वाले वर्ष भारतीय अर्थव्‍यवस्‍था के होंगे। उसमें से सभी बातें सच साबित हुई हैं। हमने कहा था कि श्रीलंका में तमिल चीतों का दम निकल जाएगा, वह हो चुका है। पाकिस्‍तान में तालिबान को घेरकर मारे जाने की योजना पर इन दिनों स्‍वात घाटी में जोरशोर से काम चल जा रहा है। तीसरा, भारत में लोकसभा चुनाव के तहत एक मजबूत सरकार बगैर वामदलों के आई जिससे मध्‍यावधि चुनाव का खतरा टल गया।

6 जुलाई से शुरू हो रहे नए सप्‍ताह में बॉम्‍बे स्‍टॉक एक्‍सचेंज (बीएसई) का सेंसेक्‍स 15444 से 14144 के बीच घूमता रहेगा। जबकि, नेशनल स्‍टॉक एक्‍सचेंज (एनएसई) का निफ्टी 4577 से 4222 के बीच रहेगा। तकनीकी विश्‍लेषक हितेंद्र वासुदेव का कहना है कि तत्‍कालिक मोर्चे पर बॉम्‍बे स्‍टॉक एक्‍सचेंज का सेंसेक्‍स 14995-15203-15401 अंक पहुँचने की संभावना है लेकिन सेंसेक्‍स 14000 के नीचे बंद होता है तो यह 12717-11825-10932 अंक तक आ सकता है। सेंसेक्‍स 15600 को पार कर जाता है तो यह 16197-17980-19555 अंक तक जा सकता है।

कल्‍पतरु मल्‍टीप्‍लायर के वायस चेयरमैन आदित्‍य जैन का कहना है कि टेक्निकल और फंडामेंटल को छोड़कर बाजार पूरी तरह से आम बजट पर निर्भर है। विनिवेश-टैक्स रिफॉर्म और उद्योगों को बढ़ावा देने के लिए सरकारी पैकेज के साथ एसटीटी-कैपिटल गेन पर बाजार की नजर रहेगी। असरकारक विनिवेश प्रक्रिया से राजकोषीय घाटे की भरपाई आसान होगी जिससे बाजार एक बड़ी छलांग लगाकर 15713-15789-15824/ 4655-4688 के नए स्तर बना सकता है।

जैन का कहना है कि मंदी से निपटने के लिए उद्योगों को दी गई रियायतें अगर सरकार जारी रखती है और कैपिटल मार्केट को अधिक मजबूत बनाने के लिए नए फॉर्मूले लाती है और साथ ही एफडीआई-एफआईआई का निवेश बढ़ाने की अनुमति कुछ क्षेत्रों में उदारतापूर्वक देती है तो बाजार 15900-15962-16000/ 4705 के स्तर को पार कर सकता है। बजट की वजह से बाजार के निचले स्तरों पर भी जाने की संभावना है। सरकार का घाटा लगातार बढ़ रहा है। ऐसे में अगर रियायत की जगह टैक्स या सैस के फॉर्मूलों से खजाना भरने की खबर आती है तो तीव्र उतार-चढ़ाव के आसार ज्यादा हैं। निवेशक वैल्यूएशन वाले इन्फ्रास्ट्रक्चर और बैंकिंग, थर्ड जेनरेशन वाले फर्टिलाइजर, केमिकल और पेस्‍टीसाइड वाले स्टॉक के साथ पावर और रूरल डेवलपमेंट से जुड़े शेयरों पर ध्यान दें।

प्‍योर ग्रोथ, नई दिल्‍ली के प्रबंध निदेशक आकाश जिंदल का कहना है कि निवेशक सोमवार को बजट आने से पहले इन्फ्रास्‍ट्रक्‍चर, पीएसयू (सरकारी कंपनियाँ) और बैंकिंग (निजी एवं सरकारी) शेयरों में खरीद करें लेकिन निर्यातोन्‍मुखी कंपनियों और लाइफस्‍टाइल कंपनियों के शेयरों से पूरी तरह दूर रहें। बजट पेश होने के बाद पूरा बाजार इस आधार पर चलेगा कि बजट में प्रावधान कैसे आते हैं। यदि प्रावधान अनुकूल हुए तो सेंसेक्‍स में एक हजार अंक तक की तेजी आ सकती है और प्रतिकूल प्रावधानों से यह एक हजार अंक तक घट भी सकता है।

जिंदल कहते हैं कि बजट की बातों का पूरी तरह बाजार पर असर रहेगा, हालाँकि दीर्घकाल की बात की जाए तो भारतीय शेयर बाजार अच्‍छा रहेगा। वे कहते हैं कि मुझे बीएसई सेंसेक्‍स में आने वाले दिनों में 30 फीसदी की बढ़त दिखाई दे रही है, जबकि इन्फ्रास्‍ट्रक्‍चर, पीएसयू और बैंकिंग शेयरों में यह बढ़त 40-50 फीसदी रहेगी।