मंगलवार, 16 अप्रैल 2024
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Written By ND

हिम्मत से करें प्यार का इजहार

हिम्मत से करें प्यार का इजहार -
मानसी

NDND
हेलो दोस्तो! सूचना तकनीक की क्रांति ने हमारे जीने और सोचने का ढंग ही बदलकर रख दिया है। दूरियाँ अब दूरियाँ नहीं रही हैं। पिया गए परदेस वाली स्थिति बदल चुकी है। अब तो लोग कंप्यूटर के सामने बैठकर एक-दूसरे को निहारते एवं बातें करते रहते हैं। इसमें कोई शक नहीं कि ईमेल, एसएमएस, मोबाइल की सुविधा ने किसी भी समय और कहीं से भी अपनी बात कहने के अवसर तो उपलब्ध करा दिए हैं, पर अपने मन की बात कहने का साहस तो हर किसी को खुद ही जुटाना पड़ता है।

दरअसल, ‍दुनिया जितनी भी बदल गई हो, संचार के कितने ही साधन क्यों न हो गए हों पर हमारी भावनाओं का मूल स्वरूप आज भी वही है। ज्यादातर मामलों में प्यार का इजहार करना आज भी उतना ही मुश्किल है जितना पहले था।

आज भी नकारे जाने का डर उसी तरह हावी रहता है जिस तरह सौ साल पहले हुआ करता था। यूँ तो लोग बहुत ही आत्मविश्वासी एवं साहसी दिखते हैं, पर जब नितांत निजी भावनाओं की बात आती है जिससे एक इंसान का दुख-सुख जुड़ा होता है तब उन्हें भी वही दुविधा या संकोच महसूस होता है जो पिछली कई पीढ़ियों को होता आया है।

आज भी 'न' सुनने का डर और अपनी विशुद्ध भावनाओं के मखौल बनाए जाने के अंदेशे से ज्यादातर लोग अपनी दिल की बात को मन के खामोश कोने में ही दफन करके छोड़ देते हैं। दिल ही दिल में अपनी चाहत का दम घोटना या दर्द सँभालते फिरने में कोई समझदारी नहीं है। मनोवैज्ञानिक लिहाज से भी देखा जाए तो यह सामान्य व्यवहार नहीं है। संकोच एवं डर के कारण जीवन में नायाब मौके खो सकते हैं।

बेहतर यही है कि अपनी मोहब्बत का पैगाम वह अपने पसंदीदा पात्र को दे दें। वहीं एसएमएस के कारण उन लोगों का जीना और प्यार जताना आसान हो गया है, जो हर जवाब को सुनने और समझने का साहस रखते हैं। जिन लोगों में जितनी कम कुंठा होगी ‍और दूसरों की भावना को सम्मान देने की जितनी अधिक प्रवृत्ति होगी, वे आसानी से इस संचार सुविधा का इस्तेमाल कर पाएँगे। अपने व्यक्तित्व की कमी को समझकर उसे अधिक संतुलित बनाने की जिम्मेदारी भी हमारी ही है। दरअसल, यह संकोच एक प्रकार से जीवन के हर मोड़ पर नाकामयाबी का संदेश है।

किसी भी काम में उचित नहल नहीं लेने से हम अनेक प्रकार की सफलताओं का मजा चखने से वंचित रह जाते हैं। हारने का खौफ इतना नहीं होना चाहिए कि जीतने की उमंग लुप्त हो जाए। किसी भी नए काम में जितना ज्यादा आप लोक-लाज के डर से संकोच करेंगे, आप उतने ही पीछे छूट जाएँगे। बेशक प्यार को व्यक्त करने वाली बात बहुत नाजुक मसला है, पर उसे जीवनभर अपने मन में छुपाए रखना भी कोई अक्लमंदी नहीं है। प्यार भावनात्मक आजादी, साहस और कोमलता का नाम है, जहाँ एक व्यक्ति खुद भी जीता है और दूसरे को भी जीने देता है।