मैं तुम्हें नहीं जानता यास्मीन
अनाम
मैं तुम्हें नहीं जानता मैं नहीं जानता उसे भीयहाँ मेरी बाहरी दीवार परजिसने लिखी थी ये इबारत, हिंग्रेजी में-यास्मीन ! आई लव यू'मैं नहीं जानता तुम्हेंशायद कभी यहीं रहती रही हो तुमया हो अब भीयहीं शिवरामदास गुलाटी मार्ग पर कहींया कि दूर यहाँ से पेशावर या कराची मेंमैं नहीं जानता तुम्हेंतुम हो भी कि नहीं!मैं सिर्फ इतना जानता हूँ यहाँ इन दीवारों परकोई जिंदा रखना चाहता है तुम्हेंतुम्हें- अपने नाम के साथ जोड़कर।मैंने छोड़ दी हैइस बार भी बाहरी दीवारउन्हें रंग-रोगन की कोई जरूरत नहींउनके सरोकारों के धुंधले होते विमर्श परतुम्हारे नाम की मात्राएँ ही बहुत हैंयास्मीन ...!