तू है मेरी जिंदगी तू है वो सहारा जिसे पकड़कर बढ़ती चली मैं बन लता लिपटती गई तुझ पर जिंदगी की मझधार में तुने मुझे जूझना सिखाया दी हिम्मत कि बन सकती है तू कुछ बस कर तू खुद पर यकीं।
गर तू न होता तो खो देती मैं अपना वजूद जीती उस आम औरत की तरह जो गुजार देती है अपना जीवन सभी की सेवा-चाकरी में खुशियाँ ने दी दस्तक तेरे आने से खुले सफलताओं के द्वार
दोस्त, तू कही भी है पर तेरा अहसास मुझमें है तेरी वो समझाइश याद है मुझे रिश्तों के इस पायदान पर न मिलने का गम तो है पर मेरी ऊर्जा व ताकत बन आज भी तू मेरे संग है।