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Written By अनिरुद्ध जोशी 'शतायु'

तीन धर्मों का तीर्थ स्थल-3

यरुशलम: कबीलों का देश

तीन धर्मों का तीर्थ स्थल-3 -
ND
यरुशलम को इब्रानी में येरुशलयिम और अरबी में अल-कुद्स कहा जाता है। पिछले सैंकड़ों सालों से यह स्थान विवाद का केंद्र रहा है। शुरुआत से ही यहूदियों के प्राचीन राज्य इसराइल में यहूदियों के 10 कबीले रहा करते थे। इस शहर में तीन बड़े धर्मों के लोगों के चार रिहायशी क्षेत्र बने हैं।

सुंदर और नक्काशीदार खास चीजों की छोटी दुकान, रोमांचक जायकों की खुशबू फैलाते रेस्तराँ, रंग-बिरंगे परिधानों में लोग, नजारों, ध्वनियों और सुगंधों का मिश्रण किसी को भी इस शहर का दिवाना बना सकता है। यरुशलम के दो हिस्से हैं- ओल्ड सिटी और द न्यू सिटी।

ओल्ड सिटी :
ओल्ड सिटी में प्रवेश करते ही लगता है कि मानो हम पहली सदी में रह रहे हैं। ओल्ड सिटी में प्रवेश के लिए आठ प्राचीन गेट है। जफा गेट (Jaffa), जिओन गेट (Zion), डंग गेट (Dung), गोल्डन गेट (Golden), लायन गेट (Lions), हेरोड्‍स गेट (Herods), दमश्क गेट (Damascus) और न्यू गेट (New gat)

ओल्ड सिटी में स्थित चार क्वार्टर सभी की निगाहों में आते हैं, जहाँ यहूदी, ईसाई, आर्मेनियाई और मुसलमान रहते हैं। चारदीवारी से घिरे शहर के भीतर तीन धर्मों की सबसे पवित्र जगहें हैं- द वेस्टर्न वॉल, अल अक्सा मस्जिद और चर्च ऑफ द होली स्कल्पचर। इसके अलावा यहाँ और भी बहुत कुछ है जैसे यरुशलम के राजा दाऊद का टॉवर और असंख्‍य प्राचीन कब्रें और चर्च। दरअसल पुराना शहर ही सच्चा यरुशलम माना जाता है। ईसाई और यहूदी मानते हैं इसे दुनिया का केंद्र।

द न्यू सिटी :
दूसरी तरफ ओल्ड सिटी से बाहर निकलते ही आप 21वीं सदी में प्रवेश कर जाते हैं जहाँ है आधुनिक होटल व इमारतें, आधुनिक यातायात और आधुनिक जीवन शैली। पर्यटकों के ठहरने के लिए उत्तम स्थान और यातायात व्यवस्था। पश्चिमी यरुशलम का डाउनटाउन इलाका (द न्यू सिटी) अपने केंद्रीय त्रिकोण जाफा रोड, किंग जॉर्ज रोड और बेन यहुदा स्ट्रीट के साथ शुक्रवार और शनिवार को चहल-पहल वाला इलाका होता है। द न्यू सिटी में भी देखने के लिए बहुत सारे प्राचीन चर्च, मस्जिद और सिनेगॉग है।

अल अक्सा मस्जिद:
यरुशलम की अल अक्सा मस्जिद को 'अलहरम-अलशरीफ' के नाम से भी जानते हैं। मुसलमान इसे तीसरा सबसे पवित्र स्थल मानते हैं। उनका विश्वास है कि यहीं से हजरत मुहम्मद जन्नत की तरफ गए थे और अल्लाह का आदेश लेकर पृथ्वी पर लौटे थे। इस ‍मस्जिद के पीछे की दीवार ही पश्चिम की दीवार कहलाती है, जहाँ नीचे बड़ा सा परिसर है।

इसके अलावा मुसलमानों के और भी पवित्र स्थल है जैसे कुव्‍वत अल सकारा, मुसाला मरवान तथा गुम्बदे सखरा भी प्राचीन मस्जिदों में शामिल है।

चर्च ऑफ द होली स्कल्पचर :
ईसाइयों के लिए भी यह शहर बहुत महत्व रखता है क्योंकि यह शहर ईसा मसीह के जीवन के अंतिम भाग का गवाह है। ईसाइयों का विश्वास है कि ईसा एक बार फिर यरुशलम आएँगे। पुराने शहर की दीवारों से सटा एक प्राचीन पवित्र चर्च है जिसके बारे में मान्यता है कि यहीं पर प्रभु यीशु पुन: जी उठे थे। माना यह भी जाता है कि यही ईसा के अंतिम भोज का स्थल है। यह चर्च ईसाई क्वार्टर के इलाके में है।

चर्च ऑफ डर्मिशन :
जियोन गेट के पास स्थित चर्च ऑफ डर्मिशन का महत्व भी कम नहीं है। माना जाता है कि इसका पहले नाम वर्जिन मेरी था। यह स्थान मदर मेरी के स्थान के नाम से जाना जाता है। यहाँ उनकी सुंदर मू‍र्ति और यहाँ एक प्राचीन शिलालेख है जिस पर हिब्रू भाषा में चर्च के बारे में लिखा है। यहीं आगे राजा डेविड की कब्र है। एक चर्च लॉयन गेट के सामने ही भी है जहाँ वर्जिन मेरी की कब्र है।

अन्य चर्च :
मेरी मेग्दलीन यीशु की शिष्या थी या पत्नी इस संबंध में विवाद है। ओल्ड सिटी की दीवारों के बाहर लॉयन गेट के आगे इनके नाम का एक प्राचीन चर्च है। इसके अलावा ईसाईयों के ऐतिहासिक महत्व के बहुत सारे चर्च ओल्ड और न्यू सिटी में है।

विवा डोलोरोसा :
विवा डोलोरोसा वह क्षेत्र है जहाँ से यीशु को क्रास के साथ ले जाया गया था। इसे दुख या पीड़ा का मार्ग माना जाता है। होली स्कल्पचर से फ्लेगलेशन तक का मार्ग। इस मार्ग के बाद ओल्ड सिटी के पूर्वी भाग में चर्च ऑफ फ्लेगलेशन को वह स्थान माना जाता है जहाँ सार्वजनिक रूप से यीशु की निंदा हुई और उन्हें क्रास पर चढ़ा दिया। यह एक रोमन कैथोलिक चर्च है, जो संत स्टीफन गेट के पास है। इस चर्च के पास ही संत एन्ना का चर्च भी है जो 12वीं सदी में निर्मित हुआ था।