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Written By भाषा
Last Modified: नई दिल्ली , बुधवार, 30 अक्टूबर 2013 (17:18 IST)

सुब्रत मामले में कोर्ट का आदेश से इनकार

सुब्रत मामले में कोर्ट का आदेश से इनकार -
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नई दिल्ली। उच्चतम न्यायालय ने सहारा समूह के मुखिया सुब्रत राय को देश से बाहर जाने से रोकने संबंधी न्यायिक आदेश में संशोधन के लिए पुनर्विचार याचिका दायर किए जाने से पहले उन्हें विदेश जाने की अनुमति देने के लिए कोई अंतरिम आदेश देने से इनकार कर दिया।

न्यायमूर्ति केएस राधाकृष्णन और न्यायमूर्ति एके सीकरी की खंडपीठ के समक्ष बुधवार को सहारा के वकील ने इस मामले का उल्लेख किया। न्यायाधीशों ने कहा कि इस संबंध में अर्जी दाखिल होने तक कोई आदेश नहीं दिया जा सकता है। न्यायालय ने कहा कि यदि समूह चाहता है कि पहले के आदेश में बदलाव किया जाए तो उसे पुनर्विचार याचिका दायर करनी होगी।

सहारा समूह की ओर से वरिष्ठ अधिवक्ता सीए सुन्दरम का कहना था कि वे न्यायालय के आदेश पर पुनर्विचार नहीं चाहते हैं लेकिन सिर्फ इस ओर ध्यान आकर्षित करना चाहते हैं कि खुले न्यायालय में पारित आदेश और शीर्ष अदालत की वेबसाइट पर अपलोड किए गए निर्णय में अंतर है।

सुन्दरम की दलीलों से न्यायालय संतुष्ट नहीं हुआ और कहा कि आपको पुनर्विचार याचिका दायर करनी होगी, तभी इस पर विचार किया जा सकता है।

सहारा ने मंगलवार को शीर्ष अदालत में एक अर्जी दायर कर कहा था कि 20 हजार करोड़ रुपए की संपत्तियों के मालिकाना हक के दस्तावेज दाखिल किए जाने तक राय को देश से बाहर जाने से रोकने संबंधी 28 अक्टूबर के आदेश में त्रुटि है।

सहारा समूह के वकील का कहना था कि न्यायालय ने आदेश पारित करते समय कहा था कि यदि 3 सप्ताह के भीतर संपत्तियों के मालिकाना हक संबंधी दस्तावेज सेबी को नहीं सौंपे गए तो राय को देश से बाहर जाने से रोक दिया जाएगा।

न्यायालय ने कहा था कि वे ‘लुका-छिपी’ खेल रहे हैं और उन पर और अधिक भरोसा नहीं किया जा सकता है। न्यायालय ने सहारा समूह को संपत्तियों के मालिकाना हक के विलेख सेबी को सौंपने का निर्देश दिया था। (भाषा)