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Written By WD

मैं मुंबई नहीं छोड़ूँगा-अमिताभ

मैं मुंबई नहीं छोड़ूँगा-अमिताभ -
राज ठाकरे की पार्टी का अपने खिलाफ चलाए जा रहे अभियान से दुखी बॉलीवुड के महानायक अमिताभ बच्चन ने मंगलवार को कहा कि वे मुंबई में कोई बाहरी व्यक्ति नहीं हैं और यहाँ से कहीं नहीं हिलेंगे।

बच्चन ने कहा- मैं इस शहर को छोड़कर कहीं और नहीं जा रहा हूँ। उन्हें हजार बोतलें फोड़ने दें। उन्हें मेरा पुतला जलाने दें और मेरे घर के सामने मार्च करने दें।

बच्चन ने शहर से निकलने वाले एक टेबलायड से कहा कि उन्हें मेरी फिल्मों के पोस्टर्स पर कालिख पोतने और मेरी फिल्मों का प्रदर्शन रोकने दें। उन्हें मेरे ऊपर लाठी और पत्थर अथवा उनके पास जो कुछ भी उनका हथियार हो उससे हमला करने दें।

एक फिल्म की शूटिंग के लिए विदेश जाने से पहले सुपरस्टार ने कहा कि उन्हें प्रिंट और इलेक्ट्रॉनिक मीडिया में मुझे गालियाँ देने दें। उन्हें मुझे झूठे मामलों में फँसाने दें, मैं यहाँ से नहीं हिलूँगा।

उन्होंने कहा कि मुंबई छोड़ने तथा अंतरात्मा को बदलने के लिए उन पर कोई दबाव नहीं डाल सकता। बच्चन अपनी सामाजिक प्रतिष्ठा पर हमला करने के लिए तथा खुद को बाहरी कहे जाने पर भावुक हो गए। उन्होंने कहा कि उन्होंने अपने जीवन का अधिकांश भाग यहाँ बिताया है।

बच्चन ने कहा कि मैं कोई बाहरी व्यक्ति नहीं हूँ। यह भूमि ठीक उसी प्रकार से मेरी भूमि भी है, जैसे कि हमारे देश के अन्य नागरिकों की है। मैं 1968 में मुंबई आया था। मुझे यहाँ आने के लिए किसी वीजा की आवश्यकता नहीं हुई।

उल्लेखनीय है कि राज ठाकरे ने अमिताभ बच्चन पर दो महीने पहले निशाना साधते हुए कहा था कि अभिनेता महाराष्ट्र से अधिक अपने गृह राज्य उत्तरप्रदेश में अधिक रुचि दिखाते हैं, जबकि उन्हें महाराष्ट्र से प्रसिद्धि मिली है।

बच्चन ने मुंबई के प्रति अपना प्यार दर्शाते हुए कहा ‍‍कि मैंने पिछले चालीस साल से इस शहर को अपना बना लिया है। मैंने अपनी पहली कार और घर यहीं खरीदा। मैंने जया से इसी शहर में विवाह किया। मेरे दोनों बच्चों का जन्म भी यहीं हुआ है। मेरे दोनों बच्चों की शादी इसी शहर के उसी घर में हुई।

बच्चन ने कहा मेरे दो नातियों का जन्म यहीं हुआ है। मेरे माता और पिता दोनों ने अपने जीवन के अंतिम साल यहीं बिताए और यहीं उन्होंने अपनी अंतिम साँस भी ली। उनकी अंत्योष्टि यहीं की गई और उनकी राख यहीं की मिट्टी में मिल गई। उन्होंने कहा कि इस शहर ने उन्हें उनकी आशा और इच्छा से अधिक नाम और प्रसिद्धि दी है।