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Written By WD
Last Updated :लखनऊ से अरविन्द शुक्ला , बुधवार, 9 जुलाई 2014 (19:50 IST)

'महात्मा गाँधी नहीं राष्‍ट्रपिता'

अहिंसा के जरिये नहीं मिली आजादी-आदित्यनाथ

''महात्मा गाँधी नहीं राष्‍ट्रपिता'' -
BBCBBC
भारत के राष्ट्रपिता महात्मा गाँधी नहीं, राम और कृष्ण हैं, क्योंकि राम और कृष्ण ने राष्ट्र की सीमाओं का विस्तार किया। धार्मिक, सांस्कृतिक विरासत के वास्तव में वे ही ध्वजवाहक थे।

यह उद्गार भाजपा के सांसद और हिन्दू जागरण के महानायक योगी आदित्यनाथ ने व्यक्त किए। 'भारतवर्ष में रहना है तो योगी-योगी कहना है, योगी-योगी नहीं कहेंगे, वे भारत में नहीं रहेंगे, देखो-देखो कौन आया, हिन्दुओं का शेर आया' आदि नारों के साथ 'राष्ट्र निर्माण में युवाओं की भूमिका' विषयक संगोष्ठी में बोलते हुए युवा सांसद योगी आदित्यनाथ ने कहा कि 'दे दी हमें आजादी बिना खड्ग बिना ढाल...' यह पिछली सदी का सबसे बड़ा झूठ था कि देश की आजादी सिर्फ अहिंसा के माध्यम से महात्मा गाँधी ने दिलवाई।

उन्होंने कहा कि देश के लिए नेताजी सुभाषचन्द्र बोस, भगतसिंह, वीर सावरकर आदि क्रान्तिकारी युवा नेताओं का बलिदान देश की आजादी का सबब बना। उन्होंने कहा कि जब भी देश का स्वतंत्र इतिहास लिखा जाएगा, राम और कृष्ण को ही राष्ट्रपिता माना जाएगा। भाजपा सांसद का कहना था कि राम, कृष्ण का सही रूप समाज के सामने प्रस्तुत नहीं किया गया। योगी आदित्यनाथ ने कहा कि राष्ट्रपिता कहलाने का अधिकार यदि किसी को है तो वह हैं राम और कृष्ण।

योगी आदित्यनाथ ने कहा कि देश संक्रमणकाल के दौर से गुजर रहा है और ऐसे में राजनीतिक, सामाजिक स्थिति पर चिंतन करने के लिए राष्ट्र निर्माण में युवाओं की भूमिका विषय बड़ा सारगर्भित है। उन्होंने कहा कि राम के नाम पर कब सरकारें नहीं बनीं और बिगड़ी? उन्होंने कहा कि महात्मा गाँधी के रामराज्य के नाम पर कांग्रेस की सरकारें बनी थीं।

योगी ने कहा कि जो लाभ-हानि, यश-अपयश की चिन्ता किए बिना राष्ट्रहित में कूदे उसे युवा कहते हैं। उन्होंने कहा कि राम ने दक्षिण भारत जाकर तथा कृष्ण ने मणिपुर से रुक्म‍िणी को द्वारिका लाकर सांस्कृतिक सीमाओं का विस्तार किया था।

वर्तमान में युवाओं द्वारा राम जन्मभूमि आन्दोलन के प्रति ठंडे रुख तथा देश-प्रदेश में बढ़ते उग्रवाद, नक्सलवाद, आतंकवाद तथा पाश्चात्य संस्कृति के हमले के प्रति चिंता व्यक्त की और इसे नौजवानों की नकारात्मक ऊर्जा करार दिया। उनका कहना था कि यदि नौजवान प्रखर हिन्दुत्व और राष्ट्रवादी विचारधारा के साथ शस्त्रों की टंकार के साथ तेजस्वी स्वरूप प्रस्तुत करेगा तो देश में युवा पुनर्जागरण होगा।