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Written By भाषा
Last Modified: रायपुर (भाषा) , रविवार, 3 फ़रवरी 2008 (19:02 IST)

नक्सलियों के शहरी नेटवर्क का खुलासा

नक्सलियों के शहरी नेटवर्क का खुलासा -
छत्तीसगढ़ की राजधानी रायपुर और अन्य शहरों में हथियारों का जखीरा बरामद होने तथा मददगारों की गिरफ्तारी ने नक्सलियों के शहरी नेटवर्क का खुलासा किया है। इस घटना के बाद से यहाँ के लोग सहमे हुए हैं।

पिछले महीने रायपुर और दुर्ग जिले से लगभग सौ हथियार, वायरलेस सेट और नक्सली वर्दियों के बरामद होने तथा नक्सलियों को मदद करने के आरोप में एक के बाद एक नौ लोगों की गिरफ्तारी ने बस्तर के घने जंगलों से लेकर राजधानी की गलियों तक नक्सलियों के फैले जाल का खुलासा किया है।

छत्तीसगढ़ समेत अन्य नक्सल प्रभावित राज्यों के वरिष्ठ पुलिस अधिकारियों का मानना है कि बगैर शहरी मददगारों के नक्सली अपना अभियान नहीं चला सकते हैं, लेकिन इस राज्य में मददगारों में आम आदमियों से लेकर व्यवसायियों के जुड़े होने से लोगों को सकते में डाल दिया है, जबकि पुलिस को उम्मीद है कि आने वाले समय में कुछ और लोग गिरफ्तार किए जा सकते हैं।

राज्य के पुलिस महानिदेशक विश्वरंजन का कहना है कि बगैर शहर की मदद के नक्सली अपना अभियान नहीं चला सकते हैं। उन्हें अपने अभियान में समाज के अन्य पेशों से जुड़े लोगों की मदद की जरूरत होती है और यह मदद उन्हें केवल शहर से ही मिल सकती है।

विश्वरंजन का कहना है कि हाल के दिनों में हुई गिरफ्तारियों ने कुछ हद तक नक्सलियों के शहरी नेटवर्क को तोड़ने काकाम किया है। पुलिस महानिदेशक कहते हैं कि आने वाले समय में नक्सलियों के बड़े नेताओं तक पहुँचने की संभावना है। हालाँकि उन्होंने इसमें कितना समय लग सकता है यह बताने में असमर्थता जता दी। उन्होंने इसे पूरी तरह से सूचना तंत्र की मजबूती का नतीजा बताया है।

उधर राज्य के गृहमंत्री रामविचार नेताम ने नकसलियों को मदद करने वाले संस्था या लोगों पर कड़ी कार्रवाई करने की बात कही है। नेताम का कहना है कि राज्य सरकार ने इस समस्या को गंभीरता से लिया है तथा इसके लिए राज्य में जन सुरक्षा अधिनियम जैसे कानून बनाए गए है।

गृहमंत्री कहते हैं कि राज्य में नक्सलियों को मदद करने वालों पर कड़ी कार्रवाई की जाएगी चाहे वह कोई भी हो। उन्होंने यह भी कहा कि यह मुहिम तब तक जारी रहेगी जब तक नक्सली अपनी राष्ट्र विरोधी गतिविधियों को बंद नहीं करते हैं।

राज्य के शहरी क्षेत्रों में पहले भी नक्सलियों की आवाजाही रही है तथा बड़े नेताओं समेत कई सदस्य यहाँ गिरफ्तार किए जा चुके हैं, लेकिन राजधानी रायपुर और बिलासपुर जैसे शहरों में नक्सलियों का साथ देने के आरोप में पत्रकार, साहित्यकार और व्यवसायी जैसे लोगों की गिरफ्तारी ने यहाँ के लोगों को डरा दिया है।

इस डर का असर यह भी हुआ है कि शहर में रह-रहकर बम की अफवाह भी उड़ती रहती है। राज्य के मुख्य विपक्षी दल कांग्रेस ने राज्य सरकार पर नक्सली समस्या के समाधान में असफल रहने का आरोप लगाया है।

राज्य विधानसभा में विपक्ष के उप नेता भूपेश बघेल का कहना है कि नक्सली समस्या अब सरकार के बस से बाहर है तथा सूचना तंत्र की नाकामी के कारण नक्सली राजधानी में घुस आए हैं जिसकी वजह से शहर पूरी तरह असुरक्षित हो गए है।