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Written By भाषा

जावेद और सलीम सच्चे मुसलमान-शिवसेना

जावेद और सलीम सच्चे मुसलमान-शिवसेना -
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शिवसेना गीतकार और राज्यसभा के सांसद जावेद अख्तर के समर्थन में उतर आई। इस्लामी शिक्षण संस्थान दारूल उलूम देवबंद द्वारा मुस्लिम महिलाओं के पुरुषों के साथ काम करने के खिलाफ दिए गए फतवे की आलोचना करने के बाद जावेद को कट्टरपंथियों की ओर से खतरे का सामना करना पड़ रहा है।

पार्टी ने अपने मुखपत्र ‘सामना’ में आज जावेद अख्तर और कभी पटकथा लेखन में उनके भागीदार रहे सलीम की जमकर तारीफ की। जावेद और सलीम दोनों ने 1970 और 80 के दशक में कई सफल फिल्में एक साथ लिखी थीं।

सामना में ‘एक सच्चा मुसलमान’ शीषर्क से छपे एक संपादकीय में कहा गया है कि जावेद ने समुदाय के कट्टरपंथियों को सही जवाब दिया है और मुस्लिम महिलाओं की ‘भावनाओं का सम्मान’ किया है।

इसमें कहा गया है कि सलीम और जावेद दोनों ने मुसलमानों में कट्टरपन के खिलाफ हमेशा आवाज उठाई है। जावेद को फतवे के खिलाफ टिप्पणी करने और इसे जारी करने वालों को मूर्ख तथा ‘उन्मादी’ कहने के लिए धमकियाँ मिली हैं, लेकिन वे ऐसे नहीं हैं जो इन धमकियों से डर जाएँ। संपादकीय में कहा गया है कि हम उनके (जावेद के) मिशन में उनके लिए शुभकामना व्यक्त करते हैं।

इसमें सलीम की भी तारीफ की गई है और कहा गया है कि वे तथा उनका परिवार ‘पूरी तरह धर्म निरपेक्ष’ है। पाठकों को याद दिलाया गया है कि वे (सलीम) कुछ समय पहले वंदे मातरम का विरोध किए जाने पर मुस्लिम मौलवियों की आलोचना भी कर चुके हैं।

संपादकीय में कहा गया है कि यदि मुस्लिम महिलाओं को शिक्षा नहीं लेनी चाहिए, काम नहीं करना चाहिए तो फिर उन्हें क्या करना चाहिए? सिर्फ सलीम और जावेद जैसे लोग मुसलमानों को अँधेरे से प्रकाश और जेहाद से देशभक्ति तक ले जाने में उनका नेतृत्व कर सकते हैं। (भाषा)