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Written By भाषा

क्षतिग्रस्त धार्मिक स्थल मामले में न्यायाल का नया आदेश

क्षतिग्रस्त धार्मिक स्थल मामले में न्यायाल का नया आदेश -
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उच्चतम न्यायालय ने गुजरात दंगों के दौरान क्षतिग्रस्त हुए धार्मिक स्थलों की मरम्मत और मुआवजे के बारे में उच्च न्यायालय के आदेश पर रोक लगाने से नकार कर दिया है।

इस बीच नरेन्द्र मोदी सरकार ने न्यायालय को आश्वासन दिया है कि वह धार्मिक स्थलों की मरम्मत की नीति पर विचार करेगी।

न्यायमूर्ति केएस राधाकृष्णन और न्यायमूर्ति दीपक मिश्रा की खंडपीठ के समक्ष गुजरात सरकार के महाधिवक्ता ने कहा कि राज्य सरकार धार्मिक स्थलों की मरम्मत के बारे में उड़ीसा सरकार द्वारा की योजना की तर्ज पर ही राज्य में योजना बनाने पर विचार करेगी। ओडीसा सरकार ने उच्चतम न्यायालय के निर्देश पर धार्मिक स्थलों की मरम्मत की योजना तैयार की थी।

इस बीच न्यायाधीशों ने राज्य में 2002 के दंगों के दौरान क्षतिग्रस्त हुए धार्मिक स्थलों की मरम्मत और उनके पुनर्निमाण के उच्च न्यायालय के आदेश पर रोक लगाने से इंकार कर दिया है।

न्यायालय ने गुजरात सरकार की अपील पर सुनवाई 14 अगस्त के लिए स्थगित कर दी है। न्यायालय ने राज्य सरकार से कहा कि वह उस दिन धार्मिक स्थलों की मरम्मत के बारे में अपनी योजना से अवगत कराए।

उच्च न्यायालय ने गोधरा कांड के बाद राज्य में भड़की सांम्प्रदायिक हिंसा के दौरान ’’निष्क्रियता और लापरवाही’’ के लिए नरेन्द्र मोदी सरकार को आड़े हाथ लिया था। इस हिंसा के दौरान राजय में बड़ी संख्या में धार्मिक स्थलों को नुकसान पहुंचाया गया था।

उच्च न्यायालय ने गुजरात की इस्लामिक रिलीफ कमेटी की याचिका पर आठ फरवरी को पांच सौ से अधिक ऐसे धार्मिक स्थलों की मरम्मत और पुनर्निर्माण के लिए उन्हें मुआवजा देने का आदेश दिया था।

इस संगठन का दावा था कि दंगों से 535 धार्मिक स्थल प्रभावित हुए थे। इनमें से 37 की अभी भी मरम्मत होना है। (भाषा)