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Written By वार्ता
Last Modified: नई दिल्ली (वार्ता) , रविवार, 1 मार्च 2009 (17:02 IST)

कुत्तों, बंदरों पर खर्च किए 3.5 करोड़

कुत्तों, बंदरों पर खर्च किए 3.5 करोड़ -
दिल्ली नगर निगम ने पिछले पौने तीन साल के दौरान राजधानी के लोगों को आवारा पशुओं, कुत्तों और बंदरों की समस्याओं से निजात दिलाने के लिए लगभग साढे़ तीन करोड़ रुपए खर्च किए, जिसके बावजूद इस समस्या से पूरी तरह निजात नहीं मिल पाई है।

निगम ने अप्रैल 2006 से दिसम्बर 2008 तक के पौने तीन साल में कुत्तों की नसबंदी और बंदर पकड़ने पर तीन करोड़ 44 लाख तीन हजार 232 रुपए की राशि खर्च की है। इसमें से एक करोड़ 67 लाख 11 हजार 731 रुपए तो 2007-08 में खर्च किए गए।

निगम में सदन के नेता सुभाष आर्य ने भी स्वीकार किया कि राजधानी की जनता को इस समस्या से पूरी तरह निजात नहीं मिल पाई है. किंतु पिछले करीब दो वर्ष में इस परेशानी को दूर करने के लिए व्यापक कदम उठाए हैं।

आवारा पशुओं की समस्या के संबंध में आर्य ने कहा कि किसी एक क्षेत्र में डेयरी बसाने से यह परेशानी दूर होने में खासी दिक्कतें हैं। जब तक दिल्ली के चारों तरफ डेयरी नहीं बसाई जाएँगी, आवरा पशुओं की समस्या से निपटना मुश्किल काम होगा।

गौरतलब है कि आवारा पशुओं की समस्या को दूर करने के लिए उच्च न्यायालय निगम को कई बार फटकार लगा चुका है। पिछले साल बंदरों की समस्या तो इतनी विकट हो गई थी कि इनसे भागते हुए उपमहापौर को अपनी जान गँवानी पड़ी थी।

पिछले पौने तीन साल के दौरान निगम ने कुत्तों की नसबंदी पर दो करोड़ 62 लाख 70 हजार 39 रुपए खर्च किए गए और इस अवधि में 68 हजार 350 कुत्तों की नसबंदी की गई। सबसे अधिक 27 हजार ।99 कुत्तों की नसबंदी 2007-08 में की गई। चालू वित्त वर्ष के पहले नौ महीनों में यह संख्या 22 हजार 723 रही है।

बंदरों को पकड़ने पर सबसे अधिक 53 लाख 10 हजार 746 रुपए 2007-08 में खर्च किए गए और 4769 बंदरों को पकड़ा गया। बंदरों के आतंक को देखते हुए इन्हें पकड़ने के लिए बाहर से 'मंकी कैचर' बुलाए गए। चालू वित्त वर्ष में 20 लाख 54 हजार 117 रुपए खर्च करने के बाद 2079 बंदर पकड़े गए हैं।

2006-07 में सात लाख 69 हजार 330 रुपए का व्यय कर निगम ने 225 बंदर पकड़े थे। आवारा पशुओं को पकड़ने के लिए निगम का अपना स्टाफ है। सबसे अधिक 15 हजार 94 आवारा पशुओं को चालू वित्त वर्ष के पहले नौ माह में पकड़ा गया है। वर्ष 2006-07 में 11 हजार 996 तथा 2007-08 में 12 हजार 851 आवरा पशु पकडे़ गए।