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Written By भाषा

उपग्रह के जरिये बात करेंगे किसान

उपग्रह के जरिये बात करेंगे किसान -
पूर्वोत्तर के किसान अब खेती, बाजार, स्वास्थ्य और मौसम संबंधी समस्याओं के समाधान के लिए अपने निकटतम ग्रामीण संसाधन केंद्र से उपग्रह के जरिये देश के शीर्ष वैज्ञानिकों से संपर्क कर सकते हैं।

शिलांग स्थित नार्थ ईस्टर्न स्पेस एप्लीकेशन सेंटर ने बेंगलुरु स्थित इसरो के सहयोग से पूर्वोत्तर में 34 वीआरसी स्थापित किए हैं तथा अभी ऐसे 50 और केंद्र स्थापित किए जाने का भी प्रस्ताव है, ताकि किसानों को विशेषज्ञों के करीब लाया जा सके जो विभिन्न क्षेत्रों से संबंधित सलाह देंगे।

असम के 10 वीआरसी केंद्रों के किसानों ने कृषि विशेषज्ञों से बात की जो फार्मर्स वर्च्युल कांग्रेस के दौरान एनईएसएसी में मौजूद थे।

एनईएसएसी के निदेशक पीपी नागेश्वर राव ने कहा कि वीआरसी एकल खिड़की के रूप में सेवा प्रदान करेगा, ताकि पूरे क्षेत्र के किसानों को उन समस्याओं के समाधान संबंधी सूचनाएँ दी जा सकें जो उन्हें खेती विपणन स्वास्थ्य और मौसम संबंधी क्षेत्रों में झेलनी पड़ती हैं।

उन्होंने कहा कि सामान्य तौर पर किसानों का विशेषज्ञों से संपर्क संभव नहीं है। वीआरसी नेटवर्क इस काम को संभव करेगा। व्यवस्था के एक बार अस्तित्व में आ जाने पर क्षेत्र के किसान दुभाषिए के साथ कम्प्यूटर के सामने बैठेंगे और देश के किसी भी कोने में बैठे विशेषज्ञ से सलाह माँगेंगे।

एनईएसएसी ने इस व्यवस्था को अमलीजामा पहनाने के लिए असम कृषि विश्वविद्यालय, भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद, गुवाहाटी मेडिकल कॉलेज और अन्य संस्थानों का सहयोग लिया है।

इसरो ने समूचे वीआरसी में हार्डवेअर, ट्रांसपोंडर और बैंडविच का खर्चा वहन किया है, जबकि असम में असम ब्रांच ऑफ इंडियन टी एसोसिएशन जैसे प्रत्येक राज्य के स्थानीय सहयोगी स्थानीय समन्वयक प्रायोजित करने जैसे अन्य खर्चे वहन करेंगे।